देहरादून : उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पिछले तीन सालों के दौरान हुई उपकरण और दवा खरीद की जांच होगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं। राज्य में वर्तमान में चार सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें हर साल करोड़ों की खरीद होती है। इसमें अस्पतालों के उपकरण से लेकर दवाइयां, सर्जिकल आइटम और रेडियोलॉजी का सामान शामिल है।
इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों के प्रशासनिक भवन के जरिए लैब, लाइब्रेरी और विभिन्न विभागों के लिए भी जरूरी खरीद की जाती है। एचओडी स्तर पर हुई खरीद भी दायरे में मेडिकल कॉलेजों में प्राचार्य, एमएस, डिप्टी एमएस के अलावा विभागाध्यक्ष भी अपने स्तर पर जरूरत के अनुसार उपकरण खरीदते हैं।
कॉलेजों में एचओडी को दो से ढाई लाख तक की खरीद का अधिकार होता है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस स्तर पर हुई खरीद में कई खामियों की शिकायत मिली है।
एचओडी हर तीन साल में बदले जाएंगे
मंत्री ने सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक तीन साल में एचओडी बदलने करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत प्रत्येक तीन साल में सभी विभागों में विभागाध्यक्ष बदले जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में अभी एक ही प्रोफेसर कई-कई सालों तक एचओडी बने हुए हैं। इस वजह से एक तो नए लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है। दूसरा कई लोगों का एकाधिकार बना हुआ है। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इस व्यवस्था को बदलने के निर्देश दिए हैं।