नई दिल्ली l वैसे तो कुंडली में कई प्रकार के दोषों का जिक्र ज्योतिष में किया गया है. लेकिन कुंडली के कुछ दोष ऐसे हैं जो जीवन में परेशानियां पैदा करते हैं. जिसके निवारण के लिए ज्योतिषी भी सलाह देते हैं. क्योंकि ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि इन दोषों के प्रभाव से जिंदगी तबाह हो जाती है. जानते हैं इन 5 दोषों के कारण और निवारण के बारे में.
मंगल दोष
ज्योतिष के मुताबिक कुंडली का मंगल दोष जातक को बहुत अधिक परेशान करता है. मंगल दोष से पीड़ित जातक शादीशुदा जिंदगी से भी परेशान रहते हैं. जब कुंडली में मंगल 4, 7, 8 और 12 वें भाव में से किसी एक भाव में है तो ऐसे में ‘मांगलिक दोष’ बनता है.
उपाय
-मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें.
-बड़े भाई से मधुर संबंध बनाकर रखें.
-7 मंगलवार तक लगातार सफेद सुरमा का लगाएं.
-नियमित नीम-पेड़ की पूजा करें.
-गुस्से पर लगाम लगाने की कोशिश करें.
पितृ दोष
कुंडली का पितृ दोष बहुत अशुभ होता है. इस दोष से पीड़ित होने पर जातक को नौकरी से संबंधित परेशानियां होती हैं. कुंडली के 6 घर में राहु, बुध या शुक्र होने से पितृ दोष बनता है. इसके अलावा यदि कुंडली में सूर्य पर शनि, राहु और केतु की नजर है तो भी पितृ दोष बनता है.
उपाय
कुल देवी या देवता की पूजा करें. साथ ही नियमित तौर पर हनुमान की पूजा करनी चाहिए. साथ ही त्र्यंबकेश्वर जाकर पितृदोष की शांति कराएं.
काल सर्प दोष
जब जन्म के समय जब कुंडली में राहु और केतु एक साथ बैठें तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है.
उपाय
-माथे पर चंदन का तिलक लगाएं.
-खुद साफ-सुथर रहें और घर को भी साफ रखें.
-पास में चांदी की कोई वस्तु रखें.
-विद्या की देवी की उपासना करें.
-ससुराल से अच्छा संबंध रखें.
-ज्योतिषी से सलाह लेकर मूंगा धरण करें.
गुरु चांडाल दोष
कुंडली में यह दोष तब बनता है जब एक ही घर में राहु के साथ बृहस्पति का योग हो. इस दोष को भी नुकसानदायक माना गया है.
उपाय
-बृहस्पतिवार को पीली वस्तुओं का दान करें.
-मछलियों को दाना डालें.
-माथे पर केसर या दही-चंदन का तिलक लगाएं.
-गुरुवार का व्रत रखकर रात में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
विष दोष
कुंडली के किसी भाव में चंद्र और शनि एक साथ बैठें तो विष दोष बनता है. विष दोष से पीड़ित जातक जिंदगी में बहुत अधिक परेशान रहते हैं.
उपाय
-पंचमी तिथि को उपवास रखें. खासकर नागपंचमा के दिन व्रत रखकर उसका विधिवत पालन करें.
-नाग देवता की पूजा करें. साथ ही घर में नियमित कपूर जलाएं. घर में भागवत पुराण का पाठ करवाएं.
खबर इनपुट एजेंसी से