नई दिल्ली। दूध और दही हमारे रोजमर्रा की डाइट का एक बड़ा हिस्सा माने जाते हैं. ये न केवल प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर होते हैं, बल्कि हमारे पाचन तंत्र और हड्डियों को भी मजबूत बनाते हैं. हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों में कुछ लोगों को दूध या दही से परहेज करने की सलाह दी जाती है. बहुत से लोगों को ये पता नहीं होता है कि वे भी उस लिस्ट में हो सकते हैं. अगर आप भी इससे अनजान है कि वे कौन लोग हैं जिन्हें दूध और दही से परहेज करना चाहिए. तो आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं ऐसे लोगों के बारे में.
किन लोगों को दूध-दही से बचना चाहिए?
लैक्टोज इनटॉलरेंस से पीड़ित लोग
लैक्टोज इनटॉलरेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर दूध में मौजूद शुगर (लैक्टोज) को पचाने के लिए जरूरी एंजाइम लैक्टेज का उत्पादन नहीं कर पाता. इससे पेट फूलना, गैस, डायरिया और पेट में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं. ऐसे व्यक्तियों को दूध और दही से बचने या लैक्टोज-फ्री विकल्प चुनने की सलाह दी जाती है.
दूध या दही से एलर्जी वाले लोग
दूध में मौजूद प्रोटीन जैसे कैसिन या वे प्रोटीन से एलर्जी हो सकती है. इससे त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सांस की दिक्कत या गंभीर स्थिति में एनाफिलेक्सिस हो सकता है. ऐसे मामलों में इन प्रोडक्ट्स का सेवन पूरी तरह से बंद करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
सर्दी-जुकाम या गले की समस्या वाले लोग
अगर किसी को सर्दी-जुकाम है, तो दूध और दही का सेवन बलगम बढ़ा सकता है और गले में खराश को और भी खराब कर सकता है. इस दौरान गर्म ड्रिंक्स और अन्य हल्के डाइट को प्राथमिकता दें.
पाचन तंत्र की समस्या (आईबीएस या एसिडिटी) वाले लोग
दही कुछ मामलों में एसिडिटी बढ़ा सकता है, खासकर जब इसे रात में खाया जाए. जो लोग इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से पीड़ित हैं, उन्हें भी दूध और दही से समस्या हो सकती है. ऐसे लोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपनी डाइट में बदलाव करें.
ऑटोइम्यून या खास हेल्थ प्रोब्लम्स वाले लोग
कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों में डेयरी प्रोडक्ट्स से परहेज की सलाह दी जाती है क्योंकि ये इंफ्लेमेशन बढ़ा सकते हैं. डॉक्टर की सलाह के अनुसार डाइट से दूध और दही हटाएं या इनके विकल्प चुनें.
हालांकि दूध और दही पोषण से भरपूर होते हैं, लेकिन हर व्यक्ति की हेल्थ कंडिशन अलग होती है. इसलिए अगर आपको इनमें से कोई समस्या है, तो अपनी जरूरत के अनुसार डाइट ऑप्शन्स या डॉक्टर से परामर्श लें. याद रखें, सही जानकारी और समझ के साथ ही हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं.