पटना: बिहार में क्या जेडीयू और आरजेडी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. क्या दोनों दल एक दूसरे से अलग हो जाएंगे. क्या नीतीश कुमार के दिल और दिमाग में कुछ और चल रहा है. क्या आम चुनाव 2024 के लिए सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच गहरे मतभेद हैं. या सियासी तौर पर विपक्षी दल यानी बीजेपी को अंधेरे में रखने की कोशिश है. इन सबके बीच यह खबर सामने आ रही है कि दोनों दलों के बीच आम चुनाव 2024 के मद्देनजर सीटों के मुद्दे पर गहरे मतभेद हैं.
इन सीटों पर गहरे मतभेद
बताया जा रहा है कि सीतामढ़ी, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर और बांका सीटों को लेकर दोनों दल आमने सामने हैं. आरजेडी खासतौर से लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि इन सीटों पर उनके दल का उम्मीदवार हो लेकिन जेडीयू को यह मंजूर नहीं है. नीतीश कुमार से जुड़े लोग किसी भी कीमत पर इन सीटों को आरजेडी को दिए जाने के खिलाफ हैं. जेडीयू का मानना है कि इन सीटों पर उनका दबदबा है, अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो 40 में से 10 सीटें जेडीयू के खाते में गई थी.
मौजूदा लोकसभा में आरजेडी के पास कोई सीट नहीं
अगर मौजूदा लोकसभा की बात करें तो बिहार की 17 सीटों पर बीजेपी, 16 सीटों पर जेडीयू, एलजेपी के दोनों धड़ों के पास 6 सीटें और कांग्रेस के पास 1 सीट है. आरजेडी का 2019 के चुनाव में खाता तक नहीं खुल सका.मुंबई बैठक के बाद नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बैठक हुई थी. प्रारंभिक दौर की बातचीत में दोनों दलों के बीच 16-16 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी. सूत्रों के मुताबिक इसके साथ यह भी सहमति बनी कि बाकी बची 8 सीटों पर कांग्रेस और वाम दल अपने उम्मीदवार उतारेंगे. यही नहीं लालू प्रसाद यादव कांग्रेस को जीतने वाली सीटों के चयन में मदद करेंगे.