नई दिल्ली। कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024, शुक्रवार को है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाते हैं। इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। पूर्णिमा का प्रवेश 15 नवंबर को सुबह 5:22 बजे शुरू होगी जो 16 नवंबर को सुबह 3:09 तक रहेगा। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान किया जाता है। शाम को नदियों में दीपदान किया जाता है। कई जगहों पर गंगा घाट पर दीपदान का भी आयोजन किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी दोनों की पूजा का विधान है।
कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे शुभ योग-
कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली पर चंद्रमा और मंगल एक-दूसरे की राशि में संचरण करेंगे और राशि परिवर्तन योग का निर्माण करेंगे। इस दिन गजकेसरी योग और बुधादित्य राजयोग का भी संयोग बन रहा है। साथ ही इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर शनि कुंभ राशि में होने से शश राजयोग का शुभ संयोग भी बना हुआ है। इसी दिन शनि अपनी राशि कुंभ में मार्गी होने जा रहे हैं। इन सभी शुभ योग में किया जाने वाला दान सौ गुना फल देगा और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
दीपदान का है विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनी जाती है। घर, मंदिर और नदी, तालाब में दीप दान कर देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। अग्निपुराण में कहा गया है कि दीपदान से बढ़कर कोई व्रत नहीं है। इसका बहुत पुण्य मिलता है। यह भी मान्यता है कि भगवान शिव ने भी अपने पुत्र कार्तिकेय को दीपदान का महात्म्य बताया है। यही कारण है कि कार्तिक के पूरे महीने में दीपदान किया जाता है और इसका शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार 11, 21, 51 दीपों का दान करना चाहिए।