नई दिल्ली: भारत में लोगों को जहां टेस्ला जैसी कार के आने का इंतजार है. वहीं खुद टेस्ला भारत के ऑटोमोबाइल मार्केट को अनदेखा नहीं कर सकती है, क्योंकि ये दुनिया के टॉप-5 ऑटोमोबाइल मार्केट और मैन्यूफैक्चरर में से एक है. अभी देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से बदल रहा है. टाटा मोटर्स इसमें सबसे आगे है, तो मारुति सुजुकी से भी बहुत उम्मीद हैं. लेकिन कई और कंपनियां इस फ्यूचर को शेप देने की तैयारियों में जुटी हैं.
भारत तेजी से पेट्रोल-डीजल व्हीकल से इलेक्ट्रिक और ग्रीन (बायोफ्यूल, हाइड्रोजन) मोबिलिटी पर शिफ्ट होना चाहता है. इसके लिए जहां सरकार सब्सिडी से लेकर अन्य स्कीम पर फोकस कर रही है. वहीं कंपनियों ने भी कमर कस ली है. आखिर कैसे बदलने जा रहा है देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर?
इलेक्ट्रिक ही नहीं है लास्ट ऑप्शन
देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में जिस तरह से बदलाव हो रहे हैं. उससे एक बात तो साफ है कि अब ऑटो कंपनियो किसी एक मॉडल पर फिक्स नहीं होना चाहती हैं. इसलिए अब वह ग्राहकों को अलग-अलग ऑप्शन देना चाहती हैं. इसलिए आज की तारीख में आपको देश के ऑटोमोबाइल मार्केट में एक ज्यादा इंजन या पॉवर ट्रेन ऑप्शन मिल जाएंगें.
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय में मार्केट में पेट्रोल-डीजल और सीएनजी इंजन के ऑप्शन ग्राहकों के लिए पहले से मौजूद हैं. जबकि नए ऑप्शन में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉपुलर हो रहे हैं. जबकि फ्यूचर फ्लेक्स फ्यूल और हाइड्रोजन फ्यूल सेल इंजन पर चलने वाले व्हीकल्स का होने वाला है. सबसे बड़ी बात ये है कि कंपनियां भी अपने एक ही मॉडल को कई फ्यूल ऑप्शन में उपलब्ध करा रही हैं.
Tata-Maruti ही नहीं इस रेस में
देश के बदलने ऑटोमोबाइल मार्केट को देखते हुए कंपनियों ने अपने एक ही मॉडल को अलग-अलग इंजन ऑप्शन में पेश करना शुरू किया है. इसमें सबसे पहले देश की सबसे बड़ी कार कपंनी मारुति सुजुकी ने दस्तक दी. कंपनी ने अपने कई मॉडल को पेट्रोल के साथ-साथ सीएनजी में पेश करना शुरू किया. अब कंपनी उससे आगे बढ़ चुकी है. अब मारुति के कई मॉडल आपको पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के अलावा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल ऑप्शन में भी मिलेंगे.
इसी तरह टाटा मोटर्स की नेक्सॉन इस समय इलेक्ट्रिक और पेट्रोल ऑप्शन में उपलब्ध है. तो बाकी अन्य मॉडल में आपको इलेक्ट्रिक, पेट्रोल-डीजल और आई-सीएनजी ऑप्शन भी मिलेंगे.इस रेस में टाटा मारुति ही नहीं, बल्कि टोयोटा भी शामिल है. टोयोटा अपनी इनोवा गाड़ी को पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल में उपलब्ध करा रही है. तो होंडा ने यही काम अपनी होंडा सिटी के साथ किया है.
इसी तरह इंडियन मार्केट में न्यू एंट्री करने वाली सिट्रोएन ने भी अपनी सी3 को पेट्रोल और इलेक्ट्रिक वर्जन में पेश किया है. इस तरह ग्राहकों को एक मॉडल की खूबियों के साथ कई इंजन ऑप्शन मिल रहे हैं.
ये है कंपनियों का फ्यूचर प्लान
इस स्ट्रेटजी के साथ आगे बढ़ रही ऑटो कंपनियों के अगर फ्यूचर प्लान को देखा जाए, तो ईटी की एक खबर के मुताबिक 2026 तक टाटा ग्रुप अब पहले 10 नई इलेक्ट्रिक कार लाएगा. बाद में इनके दूसरे पावर ट्रेन ऑप्शन आ सकते हैं. इसी तरह मारुति सुजुकी ने 2030 तक अपनी सेल्स में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक, 25 प्रतिशत हाइब्रिड कारों का टारगेट रखा है. बाकी में पेट्रोल, सीएनजी और फ्लेक्स फ्यूल कारें होंगी.