नई दिल्ली : 31 दिसंबर से कई लोग अपना यूपीआई इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंक व PhonePe और Google Pay जैसी थर्ड पार्टी ऐप्स को यूपीआई बंद करने का निर्देश दिया है. हालांकि, इसके लिए सबको घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे यूपीआई को बंद करने का निर्देश दिया गया है जिनसे पिछले एक साल में कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है. एनपीसीआई ने यूपीआई बंद करने से पहले यूजर्स को ईमेल या मैसेज के जरिए नोटिफिकेशन भी भेजने के लिए कहा है.
NPCI के उम्मीद जताई है कि इस कदम से यूपीआई ट्रांजेक्शन और सुरक्षित होगा. साथ ही कई गलत ट्रांजेक्शन पर भी रोक लग. एनपीसीआई के निर्देश के बाद अब सभी ऐप्स और बैंक निष्क्रिय ग्राहकों की यूपीआई आईडी और उससे जुड़े मोबाइल नंबर को वैरिफाई करेंगे. 1 साल से अगर कोई क्रेडिट या फिर डेबिट नहीं हुआ तो यूपीआई आईडी को बंद कर दिया जाएगा.
नए साल से नहीं हो पाएगा ट्रांजेक्शन
यदि एक साल से किसी भी तरह का इस आईडी से नहीं हुआ है तो उसे बंद कर दिया जाएगा. नए साल से कस्टमर इन आईडी से ट्रांजैक्शन नहीं कर पाएंगे. खबरे हैं कि एनपीसीआई को गलत ट्रांजेक्शन की कई शिकायतें मिली हैं जिसे देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि कई बार लोग अपना मोबाइल नंबर बदलते हैं और उससे जुड़ी यूपीआईडी को बंद नहीं करते हैं. यह नंबर किसी और को मिल जाता है और यूपीआईडी वहां एक्टिवेटेड ही रहती है. ऐसे में उस नंबर पर अगर किसी ने पैसे भेजे तो वह उस इंसान को मिलेंगे जिसके पास अब वह नंबर है. अगर आपने भी एक साल से कोई यूपीआई ट्रांजेक्शन नहीं किया है तो तुरंत कोई ट्रांजेक्शन कर लें ताकि आपकी यूपीआई आईडी बची रहे.
क्या है यूपीआई?
यूपीआई का फुल फॉर्म Unified Payment Interface (UPI) है. यह तुरंत ऑनलाइन पेमेंट का बेजोड़ तरीका है. यूपीआई को बनाने व चलाने वाली NPCI है. आप भीम, गूगल पे, फोन पे या किसी भी बैंक की ऐप पर यूपीआई आईडी जेनरेट करके इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. यूपीआई इस्तेमाल करने के लिए कोई एडिशनल चार्ज नहीं देना होता है.