इस साल वरुथिनी एकादशी व्रत 16 अप्रैल रविवार को है। कहते हैं जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखते हैं, वो एकादशी के प्रभाव से श्री हरी के चरणों में वैकुंठ धाम को जाते हैं। इस बार एकादशी के दिन तीन योग बन रहे हैं, जिसके कारण एकादशी का दिन और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा सफलता, प्रतिष्ठा और सुख समृद्धि सभी दिलाएगी।
इसलिए इस बार एकादशी का व्रत करना बहुत ही फलदायी है। इस दिन तुलसी जी की भी पूजा का विधान है। एकादशी के दिन तुलसी जी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन आप तुलसी की माला भी धारण कर सकते हैं। इस दिन तुलसी जी के पौधे की जड़ की गीली मिट्टी को माथे से लगाना चाहिए।
कहते हैं कि इससे घर में लक्ष्मीजी और संपन्नता आती है। एकादशी तिथि 15 अप्रैल को शाम 08 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी, इसलिए इस दिन व्रत नहीं रखा जा सकता है। उदया तिथि होने के कारण 16 अप्रैल को ही व्रत रखा जाएगा। एकादशी तिथि 16 अप्रैल को शाम 06 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। 17 अप्रैल को एकादशी व्रत पारण का समय सुबह 05 बजकर 54 मिनट से सुबह 08 बजकर 29 मिनट तक है।