श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल (LG) ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के कारण तीन सरकारी कर्मचारियों को शनिवार (15 फरवरी, 2025) को बर्खास्त करने के आदेश दिए. बर्खास्त सरकारी कर्मचारियों में एक टीचर है, एक पुलिस कॉन्स्टेबल हैं और एक वन विभाग का कर्मचारी है. इन तीनों पर आरोप है कि इन्होंने आतंकियों के लिए हथियार जुटाने में मदद की और घाटी में हिंसक प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाया. बताया जा रहा है कि इन तीनों को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से निर्देश दिए गए थे.
कर्मचारियों के नाम
बर्खास्त कर्मचारियों में पुलिस कॉन्स्टेबल फिरदौस अहमद भट्ट, टीचर मोहम्मद अशरफ भट्ट और वन विभाग कर्मी निसार अहमद खान शामिल है. आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगने के कारण तीनों को संविधान के अनुच्छेद 311 2 (C) के तहत बर्खास्त कर दिया गया है. फिरदौस और अशरफ कोट भलवाल जेल में बंद है. जबकि आरोपी निसार पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत 8 माह जेल में रह चुका है.
लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था फिरदौस
फिरदौस अहमद भट्ट 2005 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) के तौर पर भर्ती हुआ और 2011 में कॉन्स्टेबल बन गया. फिरदौस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस यूनिट में काम करते हुए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करना शुरू कर दिया था. फिरदौस को मई 2004 में अनंतनाग में गैर कश्मीरियों और टूरिस्टों पर आतंकी हमला करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. फिरदौस ने इस आतंकी हमले का टास्क लश्कर ए तैयबा के 2 आतंकियों उमर और आकिब को दिया था. इन्हीं दोनों को आतंकी वसीम शाह और अदनान बेग को हथियार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई थी.
घर से विस्फोटक सामग्री हुई बरामद
श्रीनगर स्थित कमरवाड़ी में फिरदौस के आवास से छापेमारी के दौरान अवैध हथियार, पिस्टल, विस्फोटक सामग्री और कई अन्य आपत्तिजनक चीजें बरामद हुई थी. इसके अलावा अनंतनाग के मट्टन स्थित आवास से छापेमारी के दौरान 3 किलो चरस भी बरामद हुई थी, जो पाकिस्तान के लश्कर ए तैयबा के आंतकी साजिद भट्ट उर्फ सैफुल्ला ने ड्रोन के जरिए सांबा में पहुंचाई थी.
TOI ने खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया, पूछताछ में ये भी पता चला है कि फिरदौस आतंकी साजिद भट्ट का करीबी था और उसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर खुर्शीद डार, लश्कर ए तैयबा के आतंकी हमजा भाई और अबु जरार के साथ भी काम किया था.
निसार को हिजबुल मुजाहिद्दीन ने सौंपी थी जिम्मेदारी
निसार अहमद खान ने 1996 में वन विभाग में नौकरी शुरू की थी और वो अनंतनाग में फॉरेस्ट रेंज ऑफिस में तैनात था. सिक्योरिटी एजेंसियों के मुताबिक, निसार को हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भारत को अस्थिर करने के लिए प्लांट किया था. निसार के घर से छापेमारी के दौरान हथियार, गोला बारूद और वॉयरलेस सेट बरामद किया गया था.
टीचर अशरफ बन गया था लश्कर का वर्कर
रियासी का रहने वाला अशरफ भट्ट साल 2013 में टीचर बना. खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बतौर टीचर काम करते हुए वो लश्कर ए तैयबा के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करने लगा था. अशरफ के आतंकी संबंधों का खुलासा 2022 में तब हुआ जब उसकी गिरफ्तारी हुई.
आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते LG मनोज सिन्हा ने अब तक 72 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है.