नई दिल्ली : ज्यादातर लोग गिलोय का रस, गिलोय का काढ़ा और इससे बने दूसरे प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं, लेकिन आयुष मंत्रालय ने आगाह किया है कि गिलोय के सेवन से पहले ये जरूर जान लें कि आप असली गिलोय ले रहे हैं या नकली.
सेहत को नुकसान
आयुष मंत्रालय का कहना है कि गिलोय या गुडची तो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसके जैसे दिखने वाले दूसरे पौधों से बने प्रोडक्ट्स का सेवन आपके लिए नुकसानदेह होगा. मंत्रालय के मुताबिक, गुडुची के जैसे दिखने वाले टिनोस्पोरा क्रिस्पा जैसे पौधे का इस्तेमाल आपको नुकसान पहुंचाता है.
इन बातों का ध्यान रखें
आयुष मंत्रालय ने कहा है कि गुडुची एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है, जिसे गिलोय के नाम से जाना जाता है. इसका उपयोग लंबे समय से चिकित्सा के लिए किया जा रहा है, लेकिन कई बार इसके धोखे में लोग किसी और चीज को सेवन करने लगते हैं और उन्हें इसका पता नहीं होता. ऐसे में जरूरी है कि गिलोय के जैसे दिखने वाले दूसरे पौधे या इससे बने प्रोडक्ट्स की पहचान करें और इसके इस्तेमाल से बचें.
मंत्रालय का कहना है कि टिनोस्पोरा की अलग अलग कई प्रजातियां उपलब्ध हैं, लेकिन केवल टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया का उपयोग चिकित्सा विज्ञान में किया जाना चाहिए.
असली गिलोय की पहचान
ऐसा होता है असली गिलोय या गुडुची का रंग हरा होता है. इसके तने से दूध जैसा स्राव नहीं होता. गिलोय के पत्ते दिल के आकार के और नीचे की तरफ घूमे हुए होते हैं. पंखुड़ियों की संख्या छह होती है. फलों का गुच्छा गोलाकार या गेंद के आकार का होता है और ये लाल रंग का होता है.
नकली गिलोय यानी टिनोस्पोरा क्रिस्पा
नकली गिलोय यानी टिनोस्पोरा क्रिस्पा का रंग धूसर होता है. इसके तने से दूध जैसा स्राव होता है और पत्ते दिल के आकार के होते हैं. ये नीचे की तरफ घूमे हुए नहीं होते. इसके फलों का आकार रग्बी की गेंद की तरह होता है और इसका रंग नारंगी होता है.
चिकित्सक से सलाह जरूर लें
आयुष मंत्रालय का कहना है कि गुडुची एक सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है, लेकिन इस्तेमाल एक योग्य, पंजीकृत आयुष चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद ही करें.
खबर इनपुट एजेंसी से