नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक ने हाल ही में साइबर फ्रॉड के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म में ‘सेफ्टी रिंग’ नाम से एक नया सेफ्टी फीचर लागू किया है। पीएनबी ने एक बयान में कहा कि यह सेफ्टी फीचर जालसाजों के अनधिकृत एक्सेस के मामले में संभावित नुकसान को कम करने के लिए एक अतिरिक्त सेफ्टी लेयर प्रदान करता है।
जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच बड़ी संख्या में लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हुए, जिसकी वजह से उन्हें 1,750 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। गृह मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 7.4 लाख साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं।
ऑप्शनल सेफ्टी फीचर
सेफ्टी रिंग ग्राहकों के लिए ऑप्शनल फीचर है, जिसके जरिए वो अपने रोजाना के ट्रांजेक्शन लिमिट को सेट कर सकते हैं। इसके जरिए ग्राहकों को ऑनलाइन क्लोजर पर टर्म डिपॉजिट के संबंध में रोजाना की लेनदेन की सीमा को निर्धारित करने या निर्धारित सीमा राशि तक टीडी पर ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति देता है।
लिमिट निर्धारित करने का विकल्प
ग्राहकों के पास ब्रॉन्च में व्यक्तिगत रूप से या IBS/MBS के जरिए डिजिटल रूप से लिमिट निर्धारित करने का विकल्प है। IBS यूजर्स लॉग इन करके, सेफ्टी रिंग का चयन करके और तय लिमिट राशि दर्ज करके इमरजेंसी सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। इसके बाद उन्हें अपना OTP, ट्रांजेक्शन पासवर्ड प्रदान करना होगा और पहले से सेट किए गए दो सुरक्षा प्रश्नों का उत्तर देना होगा।
ET की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने मई 2024 में प्रतिदिन औसतन 7,000 साइबर अपराध शिकायतें दर्ज कीं, जो 2021-2023 से 113.7% और 2022-2023 से 60.9% की वृद्धि दर्शाती हैं, जिनमें से 85% वित्तीय ऑनलाइन धोखाधड़ी थीं।