वॉशिंगटन. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का बैंक दिवालिया हो गया है और इसकी वजह से यूएस में बैंकिंग संकट गहराता नजर आ रहा है. अमेरिकी रेगुलेटर्स ने देश के सबसे बड़े सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank Crisis) को बंद करने का आदेश दिया है और बैंकों में ग्राहकों की जमा पूंजी की सुरक्षा की जिम्मेदारी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को सौंपी है. चूंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था से पूरी दुनिया प्रभावित होती है ऐसे में अगर यूएस में यह बैंक डूबता है तो साल 2008 जैसा आर्थिक संकट फिर देखने को मिल सकता है.
अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक 16वां सबसे बड़ा बैंक है और इसके पास 210 अरब डॉलर की संपत्ति है. पिछले कुछ समय से बैंक की वित्तीय हालात खराब होती चली गई जिसके बाद रेगुलेटर्स को इसे बंद करने का आदेश देना पड़ा. इस बैंक के दिवालिया होने का असर दुनिया की तमाम इकोनॉमी पर पड़ेगा. इसकी एक झलक शुक्रवार को शेयर बाजार में देखने को मिल गई है. जब अमेरिका समेत कई ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली.
सिलिकॉन वैली बैंक की पैरेंट कंपनी SVB फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में 70% तक की गिरावट आ गई है. यह अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ा झटका है. हालांकि, इस बैंकिंग संकट का असर सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है बल्कि भारतीय निवेशकों और स्टार्टअप की चिंता भी बढ़ने लगी है.
क्योंकि कई भारतीय स्टार्टअप में सिलिकॉन वैली बैंक का पैसा लगा है और इसका असर इन स्टार्टअप्स पर पड़ना तय है. दरअसल सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. यह बैंक न्यू एज टेक पनियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने वाला बैंक है.
भारतीय स्टार्टअप को मिली फंडिंग
एक रिपोर्ट के अनुसार, सिलिकॉन वैली बैंक ने भारत में करीब 20 स्टार्टअप में निवेश किया है. पिछले साल ही इंडियन स्टार्टअप्स ने इस अमेरिकी बैंक से करीब 150 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाई थी.हालांकि, संकट के बीच इस बैंक की सभी एक्टिविटीज 13 मार्च से शुरू हो जाएगी और FDIC पूरे बैंकिंग सिस्टम पर अपनी नजर रखेगी.
बता दें कि साल 2008 में अमेरिका को सबसे बड़े बैंकिंग संकट का सामना करना पड़ा था. जब लेहमन ब्रदर्स के दिवालिया घोषित होने के बाद यूएस समेत पूरी दुनिया में बड़ा आर्थिक संकट आया था.