नई दिल्ली। भारत और यूरोप के 4 देश के संगठन यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के बीच रविवार 10 मार्च को एक अहम कारोबारी समझौता हुआ. इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ईएफटीए देशों ने भारत में अगले 15 साल के दौरान 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. उन्होंने कहा कि इस डील से 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है.
EFTA के सदस्य देशों में आईसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विटजरलैंड शामिल हैं. इन देशों के साथ हुई डील पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ईएफटीए देशों के द्वारा किए जाने वाले निवेश में ग्रीन एंड विंड, फार्मा, हेल्थ मशीनरी और फूड सेक्टर हैं. इन सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों और नौकरियों के लिए बड़ा अवसर पैदा होगा. ईटीएफ देश इन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा निवेश करेंगे. पीयूष गोयल ने कहा कि इस डील में सभी के लिए मौका है और डील से जुड़े सभी देशों को इससे फायदा होगा.
2008 में शुरू हुई थी बात
इन देशों के साथ सबसे पहले डील के लिए साल 2008 में बातचीत शुरू हुई थी. 13 दौर की चर्चा के बाद 2013 में बातचीत रुक गई. इसके बाद ईएफटीए देशों के साथ अक्टूबर 2016 में एक बार फिर चर्चा शुरू हुई. कुल 16 साल में 21 दौर की चर्चा के बाद अब डील पक्की हुई है. EFTA और भारत के बीच फिलहाल 18.66 अरब डॉलर ( 2022-23) का कुल ट्रेड है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा स्विटजरलैंड का और दूसरी बड़ी हिस्सेदारी नॉर्वे की है.
इस डील में क्या-क्या शामिल?
यह डील 15 वर्षों की अवधि में 100 अरब डॉलर का निवेश के लिए किया गया है. एक अधिकारी ने कहा कि भारत ने समझौते के बाद 10 वर्षों के दौरान 50 अरब डॉलर की निवेश की मांग की थी और ब्लॉक सदस्यों से अगले पांच वर्षों में 50 अरब डॉलर की अतिरिक्त निवेश मांगी थी. इस डील में लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा.
इन सेक्टर को रखा गया दूर
भारत भी इन देशों के लिए विभिन्न वस्तुओं के आयात शुल्क को कम करेगा. हालांकि एग्रीकल्चर, सोया, डेयरी और कोयला को इस डील में शामिल नहीं किया गया है. वहीं पीएलआई से जुड़े सेक्टर्स के लिए भारतीय बाजार को नहीं खोला गया है. डील पूरी होने के बाद अब इंतजार इन देशों के संसद से मंजूरी का है. मंजूरी मिलने के बाद भारत से मुक्त व्यापार होगा.
क्या-क्या होगा सस्ता?
मुक्त व्यापार शुरू होने के बाद इन देशों से भारत आने वाले सामनों की कीमतों में कटौती होगी, क्योंकि डील के तहत ये देश अपने आयात शुल्क को कम करेंगे. वहीं भारत से जाने वाले वस्तुओं के आयात शुल्क में भी कटौती आएगी. उदाहरण के तौर पर देखें तो स्विजरलैंड से स्विस चॉकलेट, घड़ी और बिस्कुट भारतीय बाजार में ज्यादा बिकता है. ऐसे में इस डील से इनकी कीमतों में कमी आएगी.
भारत अन्य देशों के साथ ही कर रहा बात
भारत दुनिया के कई और देशों, ग्रुप के साथ डील पर चर्चा कर रहा है. इसमें यूके, यूरोपियन यूनियन और ओमान शामिल हैं. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चुनाव के बाद यूके के साथ डील पक्की हो सकती है. हालांकि भारत को इसे लेकर काई जल्दबाजी नहीं है. भारत यूके के साथ ऑटोमोबाइल, स्कॉच व्हिस्की, चॉकलेट और मीट प्रोडक्ट पर ड्यूटी में कटौती की मांग समेत अन्य ट्रेड डील पर चर्चा कर रहा है.