बीजिंग: ताइवान की मिलिट्री ने मंगलवार को चीन के ड्रोन पर फायरिंग की। ताइवान के नियंत्रण वाले किनमेन द्वीप पर जब चीनी ड्रोन ने दाखिल होने की कोशिशें की तो उसे खदेड़ने के लिए गोलियां चलाई गईं। यह ड्रोन कौन सा था, इस बारे में तो कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन कहा जा रहा है चीन ने अपने हाइपरसोनिक ड्रोन को ताइवान के द्वीप की तरफ भेजा था। चीन के पास वुजान-8 नाम से एक हाइपरसोनिक ड्रोन है और इसे चीन का एक रहस्यमय हथियार करार दिया जाता है। साल 2019 में चीन ने अपने इस ड्रोन को टेस्ट किया था। पहली बार झुहाई एयर शो में इस ड्रोन की झलक दुनिया ने देखी थी।
हाइपरसोनिक स्पीड
चीन के इस ड्रोन को ‘सुसाइड ड्रोन’ भी कहा जाता है। काले रंग का यह ड्रोन हाइपरसोनिक फ्लाइट की स्पीड से उड़ता है। ड्रोन को तैयार करने में वैज्ञानिकों के सामने सबसे बड़ा चैलेंज इसकी स्पीड ही थी लेकिन कई टेस्ट्स के बाद आखिरकार इसने वह बाधा भी पार कर ली थी। सितंबर 2021 में चीन की वायुसेना के टॉप रिसर्चस फेई दाई ने जर्नल टैक्टिकल मिसाइल टेक्नोलॉजी में एक पेपर लिखा था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि ‘मानवरहित यह एयरक्राफ्ट किसी स्टैंडर्ड रनवे पर आवाज की स्पीड से पांच गुना तेजी से उड़ सकता है।’ अगर उनका दावा सही था तो इस ड्रोन के इंजन को रनवे से अगर 250 किलोमीटर पहले भी बंद कर दिया जाए तो भी यह आसानी से लैंड कर लेगा।
चीन का बड़ा हथियार
कुछ और चीनी रिसर्चर ने दावा किया था कि हाइपरसोनिक ड्रोन को अमेरिका के एफ-22 और एफ-35 जैसे फाइटर जेट्स के खिलाफ प्रयोग किया जा सकता है। ड्रोन की स्पीड मैक 5 यानी 6174 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इस ड्रोन को डेवलप करने का मकसद कई रेंज वाली टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन की लीडर बनाना है।
इस ड्रोन के बाद चीनी सेना के पास वह खास हथियार मिल गया है जो किसी के पास नहीं है। यह ड्रोन खराब स्थितियों में भी उड़ सकता है और दुश्मन की जनरल इंटेलीजेंस के अलावा खास लक्ष्य वाली जानकारियां भी हासिल कर सकता है। चीन के रिसर्चर कई साल से वायुसेना के लिए हाइपरसोनिक ड्रोन प्रोग्राम पर काम कर रहे थे। न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 2035 तक चीन के पास वह हाइपरसोनिक जेट होगा जो सिर्फ एक घंटे में ही 10 यात्रियों को कहीं भी पहुंचा देगा।