नई दिल्ली: कहने को तो दुनिया तेजी से बदल रही है और महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. अपनी बात को बेबाकी के साथ रखती भी हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि आज भी लाखों महिलाएं अपनी बीमारी को छुपाती हैं. लेकिन, क्या आप जानती हैं कि ऐसा करना घातक हो सकता है? दरअसल, महिलाओं को होने वाली तमाम ऐसी बीमारियां हैं, जिनको इग्नोर करने से उनकी जान भी जा सकती है. गर्भाशय या बच्चेदानी का कैंसर उनमें से एक है. इसको एंडोमेट्रियल कैंसर व यूटेराइन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है. जी हां, गर्भाशय या बच्चेदानी महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. यही वो स्थान है, जहां गर्भधारण के बाद भ्रूण का विकास होता है. इसलिए बच्चेदानी का स्वस्थ्य होना बेहद जरूरी है.
आजकल की खराब जीवनशैली में गर्भाशय कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह तब होता है जब एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की अंदरूनी परत) की कोशिकाएं असामान्य रूप से विभाजित और बढ़ने लगती हैं. ये कोशिकाएं ट्यूमर का रूप ले लेती हैं, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बन जाती है. ऐसे जरूरी है कि शुरुआती लक्षणों को पहचानें. ताकि, समय रहते इलाज कराकर जिंदगी को बचाया जा सके. अब सवाल है कि आखिर गर्भाशय कैंसर के शुरुआती हैं क्या? इस बारे में News18 को विस्तार से बता रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमृता साहा-
बच्चेदानी में कैंसर होने के 5 शुरुआती संकेत
पेट के निचले हिस्से में दर्द: डॉ. अमृता साहा बताती हैं कि, पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐंठन होना बच्चेदानी में कैंसर का संकेत हो सकता है. इसके अलावा, महिलाओं को श्रोणि में ऐंठन का अनुभव भी हो सकता. अगर आपको बार-बार इस तरह की परेशानी महसूस हो रही है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकअप करवाना चाहिए.