हरी सब्जियां यानि हरा साग हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही फायदेमंद होता है. सरसों का साग, बथुआ का साग और पालक के साग के अलावा सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है चने का साग. जिसमें कई तरीके के विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं. इतना ही नहीं इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट की वजह से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की वैज्ञानिक डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि चने के साग में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन के प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इतना ही नहीं चने के साग में एंटीऑक्सीडेंट भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इसकी वजह से यह बेहद गुणकारी होता है.
कब्ज और वजन को कम करता है साग
चने के साग में पाए जाने वाले फाइबर की वजह से यह पेट संबंधित समस्याओं को दूर करता है. खासकर पेट में कब्ज से राहत दिलाता है. इतना ही नहीं यह डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. यह बढ़ते हुए वजन को कम करने के लिए बेहद कारगर है. इसमें ऊर्जा बेहद ही कम पाई जाती है.
आंखों के लिए वरदान है यह साग
चने के साग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की वजह से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए से आंखों की रोशनी बढ़ती है. यह साग मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा है. इससे तनाव की समस्या से भी निजात मिलती है.
त्वचा चमकदार और चेहरे से झुर्रियां गायब करेगा यह साग
चने के साग में मौजूद विटामिन ए, विटामिन के और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की चमक बढ़ाने और कम उम्र में चेहरे पर आ रही झुर्रियों को कम करता है. चने के साग में पाए जाने वाले पर्याप्त आयरन की वजह से यह महिलाओं में खून की कमी को पूरी होती है. यह साग बालों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. चने का साग ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है.
कैसे बनाएं चने का साग
डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि चने के साग को दूसरे साग के साथ बनाकर खाया जा सकता है. चने के साग को बथुआ और सरसों के साग के साथ मिलाकर खा सकते हैं.