नई दिल्ली: अगली बार जब आप ATM से पैसे निकाल रहे हों और उस वक्त आपका कार्ड अटक जाए, तो सावधान हो जाइए! यह किसी धोखेबाज का काम हो सकता है। कुछ चोर ATM से कार्ड रीडर निकाल देते हैं, जिससे आपका कार्ड मशीन में फंस जाता है। इस ट्रिक के सक्सेस होते ही वो आपकी मदद करने का नाटक करेंगे और आपका PIN मांगेंगे। पिन गलत होने पर वो आपको शिकायत दर्ज करने के लिए कहेंगे। इस पूरे जाल में वो आपको फंसाकर आपके कीमती पैसे लेकर चंपत हो जाएंगे। दिल्ली में ऐसे लुटेरे फैले हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि रविवार को पकड़े गए ATM धोखेबाजों का गिरोह पिछले समय में कम से कम 25 ऐसी घटनाओं में शामिल था। हाल ही की वारदात में, हौज खास के एक एटीएम पर कुछ लोगों ने उन्हें चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया, जिसके बाद बदमाशों ने गोलियां भी चलाईं। पकड़े गए लोगों की पहचान विशाल नेगी (30), अमित मेहरा (37) और विजय कुमार (26) के रूप में हुई है।
एटीएम से छेड़छाड़, पकड़े जाने पर गोली चलाई
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान के अनुसार, 19 अप्रैल को पुलिस को गौतम नगर में एक एटीएम को तोड़ने और वहां गोली चलने की सूचना मिली थी। घटनास्थल पर पुलिस की टीम पहुंची। चश्मदीदों ने बताया कि दो लोग एटीएम से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे थे। जब उन्हें सूचना देने वाले और अन्य लोगों ने रोका तो उनमें से एक बदमाश ने हथियार दिखाया, हवा में गोली चलाई और भाग गया। इस मामले में चोरी और हथियार से जुड़े कानून (IPC और Arms Act) के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई। इस मामले में चोरी और हथियार से जुड़े कानून (IPC और Arms Act) के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई।
पहले उलझाते फिर बनते मददगार और हो जाता खेला
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त ने घटना के बारे में बताया कि आसपास के कैमरों की सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया, जिसमें देखा गया कि संदिग्ध ऑटो में भाग रहे हैं। हमने इसका पीछा किया और आखिरकार एक गाड़ी को पहचान लिया। हालांकि, उस गाड़ी का रजिस्टर्ड पता फर्जी निकला। गाड़ी से जुड़े ट्रैफिक चालान, बीमा विवरण और जुर्मानों की जांच की गई, जिससे हमें एक चालू मोबाइल नंबर मिला। पुलिस ने बताया कि वो एक आरोपी की लोकेशन तक पहुंचने में सफल रहे। छापेमारी के बाद, तीनों को पकड़ लिया गया। जांच में पता चला कि ये लोग दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इसी तरह की कई वारदातों में शामिल थे। दिल्ली पुलिस ने बताया कि नेगी और मेहरा आमतौर पर निशाना बनाए गए एटीएम के अंदर घुसते थे, कैमरों पर स्प्रे पेंट करते थे और कार्ड रीडर से छेड़छाड़ करते थे।तीसरा आदमी बाहर की गतिविधियों पर नजर रखता था। जब किसी पीड़ित का कार्ड फंस जाता था, तो ये दोनों ग्राहक बनकर तेजी से उनकी मदद करते थे। वे पीड़ित को सचेत होने या अपना कार्ड ब्लॉक करने से पहले ही ट्रांजेक्शन कर लेते थे। अगर पकड़े जाते, तो वे हथियार दिखाते और भागने से पहले पीड़ित को धमकाते थे। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए तीनों लोगों को जेल भेज दिया गया है। नेगी और मेहरा को शहर के अंदर ही सात ऐसे मामलों में शामिल पाया गया है। बाकी इसी तरह की घटनाओं में उनके शामिल होने की जांच अभी जारी है।
कैसे काम करता था गैंग, प्वाइंट्स में समझिए
➤यह गिरोह चुपके से एटीएम से कार्ड रीडर निकाल लेता था और कैमरों पर स्प्रे पेंट कर देता था।
➤इस तरह से छेड़छाड़ किए गए एटीएम में पीड़ितों का कार्ड फंस जाता था।
➤गिरोह के सदस्य पीड़ितों के पास आते थे और उन्हें यह कहकर उनका PIN मांगते थे कि उनकी समस्या हल हो जाएगी।
➤PIN डालने के बाद भी कार्ड फंसा रहता था, जिससे पीड़ित को बैंक को सूचित करने के लिए वहां से जाना पड़ता था।
➤ इसी बीच जालसाज उनके कार्ड से बिना अनुमति पैसे निकाल लेते थे और भाग जाते थे।
➤ हथियारों से लैस होकर, गिरोह संभावित गवाहों या पुलिस को डराता-धमकाते थे ताकि वे पकड़े न जाएं।
मुख्य खिलाड़ी
➤पुलिस के मुताबिक, विशाल नेगी और अमित मेहरा ने ये ट्रिक्स ऑनलाइन सीखी थी।
➤उत्तर प्रदेश के रहने वाले इन लोगों ने माना है कि उन्होंने 25 से ज्यादा ऐसी धोखाधड़ी की हैं।
➤पुलिस ने पांच क्रेडिट/डेबिट कार्ड जब्त किए।
सुरक्षित रहने के लिए ये उपाय अपनाएं
➤अच्छी रोशनी वाले एटीएम और लोकेशन चुनें, सूनसान या कम रोशनी वाले एटीएम से बचें।
➤एटीएम मशीन में किसी तरह की गड़बड़ी, टूट-फूट या टेप लगे होने जैसी चीजों पर ध्यान दें।
➤अपना PIN डालते वक्त हाथ से ढक लें ताकि कोई भी उसे ना देख सके।
➤किसी की मदद के बिना खुद ही अपना ट्रांजैक्शन पूरा करें।
➤अपने बैंक स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचें ताकि किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि का पता चल सके।
➤अगर आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत बैंक या पुलिस को सूचित करें।
➤एटीएम धोखाधड़ी के नए तरीकों के बारे में जानकारी रखें ताकि उनसे बचाव कर सकें।