नई दिल्ली. अभी तक आप यही सुनते-देखते आए होंगे कि किसी कंपनी के सीनियर अधिकारी ने पैसों का गबन कर लिया अथवा फर्जीवाड़ा किया. लेकिन, अब इस धारणा को बदल डालिए क्योंकि आईपीओ लाने की बाट जोह रही ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) को उसके एक जूनियर कर्मचारी ने तगड़ा झटका दिया है. कंपनी को लंबे समय तक इसकी भनक भी नहीं लगी और मामले का खुलासा पिछले वित्तवर्ष 2023-24 की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद हुआ है. अब कंपनी में हड़कंप मच गया और इसकी जांच के लिए बाहरी एजेंसी को हायर किया गया है.
मनीकंट्रोल के मुताबिक, स्विगी ने मामले की जांच बाहरी एजेंसी को सौंपी है. इसके बाद आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि 33 करोड़ का गबन पिछले कुछ सालों में हुआ और इसके पीछे कंपनी का एक जूनियर कर्मचारी है, जो अब कंपनी छोड़कर भी जा चुका है.
क्या बोली है कंपनी
स्विगी ने 4 सितंबर को जारी रिपोर्ट में बताया कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी के एक जूनियर कर्मचारी ने 32.67 करोड़ रुपये के फंड का गबन कर लिया है. यह फर्जीवाड़ा पिछले कुछ साल में हुआ और अब वह कर्मचारी छोड़कर जा चुका है. कंपनी ने 31 मार्च, 2024 तक हुए ऑडिट में पाया कि करीब 33 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया, जिसका कंपनी के एक्सपेंसेज से कोई लेना-देना नहीं और न ही इसका रिकॉर्ड मिल रहा है.
आईपीओ लाने की तैयारी में है कंपनी
आपको बता दें कि स्विगी जल्द ही अपना आईपीओ उतारने की तैयारी में है. इसके लिए अप्रैल में ही ड्राफ्ट पेपर भी जमा किया जा चुका है. आईपीओ के जरिये स्विगी 3,750 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू के जरिये तो 6,664 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के जरिये जुटाने की तैयारी है. कंपनी ने पिछले वित्तवर्ष में 11,247 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था. उसका घाटा भी पिछले साल से 44 फीसदी गिरकर 2,350 करोड़ रुपये पर आ गया है.
जोमैटो से मिलती है कड़ी टक्कर
स्विगी फिलहाल अपने प्रतिद्वंदी जोमैटो से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है. जोमैटो अभी मार्केट की लीडर है और उसकी हिस्सेदारी 57 फीसदी है, जबकि स्विगी के पास 43 फीसदी की मार्केट हिस्सेदारी है. पिछले वित्तवर्ष में ऑनलाइन फूड डिलीवरी का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू 56,924 करोड़ रुपये रहा था.