नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अब कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई बड़े फेरबदल करने जा रही है। कांग्रेस इस बार भाजपा के पैटर्न की तर्ज पर संगठन में बदलाव करने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में पार्टी दो नए कार्यकारी अध्यक्षों के नाम की घोषणा करेगी। इसके साथ-साथ एक दर्जन से अधिक जिला अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। कार्यकारी अध्यक्ष के लिए इन दिनों दो नाम चर्चा में हैं। एक भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव और रायपुर पश्चिम से पूर्व विधायक विकास उपाध्याय।
दरअसल, भाजपा ने राज्य में पहला आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को बनाया। जबकि ओबीसी वर्ग से आने वाले अरुण साव और विजय शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया। अब कांग्रेस भी इसी पैटर्न पर अपने संगठन में बदलाव करने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज आदिवासी समाज से आते हैं। जबकि देवेंद्र यादव ओबीसी वर्ग और विकास उपाध्याय सामान्य वर्ग के आते हैं। ये दोनों ही विधायक युवा हैं। ऐसे में पार्टी इन दोनों को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर अपना सामाजिक वोट बैंक बचाए रखने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने दोनों नेताओं को पद देकर यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस भी नए और युवा चेहरों को आगे बढ़ा रही है।
कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि पार्टी में युवा नेताओं को प्राथमिकता देने और जनाधार वाले युवा नेताओं को पार्टी में पद के साथ जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए गये हैं। यही वजह है कि विधानसभा में उमेश पटेल को उपनेता बनाने की तैयारी है, तो वहीं देवेंद्र और विकास को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस पार्टी एक और यानी की तीसरा कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है। कहा जा रहा है कि जांजगीर-चांपा की तरफ का कोई एससी विधायक को तीसरा कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
इसलिए कांग्रेस को बदलनी पड़ी रणनीति
देवेंद्र यादव पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सबसे करीबी विधायकों में से एक माने जाते हैं, साथ ही शहरी सीटों में देवेंद्र यादव ही चुनाव जीत कर आए हैं। विकास उपाध्याय भले ही चुनाव हार गए हैं लेकिन उनकी दिल्ली में पकड़ मजबूत है। वे कई राज्यों के प्रभारी रहे हैं और एआईसीसी में भी पदाधिकारी है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी जल्द ही छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे। उनके दौरे के दौरान कांग्रेस दिग्गजों के साथ बैठक होगी। बैठक में रायशुमारी के बाद संगठन में बदलाव की सूची जारी होने की संभावना है। इसके बाद रायपुर, दुर्ग, कवर्धा, बलौदाबाजार, महासमुंद, बलरामपुर, कोरिया, सरगुजा, रामानुजगंज, बैकुंठपुर, कोरबा, बिलासपुर सहित कई जिले में जिला अध्यक्षों बदले जाएंगे। इन क्षेत्रों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
नहीं बदले जाएंगा प्रदेश अध्यक्ष
दरअसल,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की नियुक्ति चुनाव के चार माह पहले हुई थी। उसके पूर्व पीसीसी की कमान मोहन मरकाम के हाथों में थी। नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के कार्यकाल को बढ़ाने का पत्र जारी किया था। साफ है कि लोकसभा चुनावों तक बैज अपनी जिम्मेदारी पर बने रहेंगे।