बेंगलुरु। कर्नाटक के जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स टेप केस में बीजेपी नेता देवराजे गौड़ा ने बड़ा आरोप लगाया है. गौड़ा ने दावा किया है कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने उन्हें सेक्स टेप केस में कुमारस्वामी को फंसाने के बदले में 100 करोड़ रुपए रिश्वत देने की पेशकश की थी.
बता दें कि फिलहाल देवराजे गौड़ा यौन उत्पीड़न के एक मामले गिरफ्तार होने के बाद न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने पुलिस वैन में जाते समय डीके शिवकुमार पर यह आरोप लगाया है. गौड़ा ने कहा,’डीके शिवकुमार ने प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े वीडियो बांटने के लिए कुमारस्वामी को दोषी ठहराने का प्रस्ताव लेकर उनसे संपर्क किया था.’
देवराजे गौड़ा ने कहा,’डीके शिवकुमार ने फोन पर मुझसे बात की थी. वे चाहते थे कि मैं वीडियो बांटने के लिए एचडी कुमारस्वामी को दोषी ठहराऊं. उन्होंने मुझे सुरक्षा देने का वादा भी किया था.’ गौड़ा ने यह दावा भी किया कि डीके शिवकुमार ने इसके बदले बहुत सारा कैश भी ऑफर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कार्तिक (प्रज्वल रेवन्ना के पूर्व ड्राइवर) से पेन ड्राइव प्राप्त करने के लिए भी डीके ही जिम्मेदार हैं.’
दूसरे चरण से पहले सामने आई क्लिप्स
विवाद प्रज्वल रेवन्ना के कथित लीक वीडियो की पेन-ड्राइव पर केंद्रित है. दरअसल, 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान से कुछ दिन पहले यह क्लिप्स सामने आई थीं. इन वीडियोज में कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना शामिल थे. इसकी पेन ड्राइव कथित तौर पर गौड़ा को प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर कार्तिक गौड़ा के जरिए मिली थी.
कार्तिक से किसने ली पेन ड्राइव?
देवराजे गौड़ा के मुताबिक डीके शिवकुमार ने पूरी योजना बनाई और कार्तिक से पेन ड्राइव ली. गौड़ा ने इस मामले में कई राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि साजिश के हिस्से के रूप में 4 मंत्री चालुवरया स्वामी, कृष्णा बायरे गौड़ा, प्रियांक खड़गे और एक अन्य शामिल थे.
PM को भी करना चाहते थे बदनाम
गौड़ा ने आरोप लगाया,’डीके शिवकुमार ने मुझे 100 करोड़ रुपये की पेशकश की और बॉरिंग क्लब के कमरा नंबर 110 में 5 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि देने आए थे. नकदी सौंपने और बातचीत के लिए उन्होंने चन्नारायपटना से गोपालस्वामी को भेजा था. डीके शिवकुमार ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये नकद की पेशकश की थी, क्योंकि वे पीएम मोदी को भी बदनाम करना चाहते थे. डीके यह भी दिखाना चाहते थे कि इसके पीछे पीएम मोदी हैं.
कानूनी एक्शन में फंसाने की कोशिश
गौड़ा ने यह भी दावा किया है कि रिश्वतखोरी की कोशिश के बाद उन्हें कई कानूनी परेशानियों में फंसाने की कोशिश भी की गई. गौड़ा ने कहा,’मैं इससे सहमत नहीं था इसलिए उन्होंने मुझे अत्याचार के मामले में फंसाने की कोशिश की. जब उन्हें कोई ठोस सबूत नहीं मिला तो उन्होंने एक अन्य महिला पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया. जब इससे भी बात नहीं बनी तो उन्होंने एक दुष्कर्म का मामला दायर किया. लेकिन चार दिनों की पुलिस हिरासत में जांच के बावजूद उन्हें इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला.