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बावासीर, फाइलेरिया और पीलिया का काल है ये पौधा, जानिए कैसे

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
15/04/25
in लाइफस्टाइल
बावासीर, फाइलेरिया और पीलिया का काल है ये पौधा, जानिए कैसे
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नई दिल्ली: बाकूची देखने में एक छोटा पौधा होता है. इसमें छोटे-छोटे फूल और बीज लगते हैं. ये पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है. लेकिन कम ही लोग इसके फायदों के बारे में जानते हैं.

प्रकृति ने हमें कई अद्भुत पेड़-पौधे और वनस्पतियां दी हैं. इन्हीं में से एक है बाकूची का पौधा. ये पौधा आमतौर पर जंगलों और खेत-खलिहानों में पाया जाता है. बाकूची एक छोटा पौधा होता है. इसमें छोटे-छोटे फूल और बीज लगते हैं. ये पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. हालांकि, अधिकतर लोग इसके फायदों से अनजान हैं. इस पौधे में मौजूद औषधीय तत्व कई गंभीर बीमारियों से बचाव करते हैं. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक वरदान है. बाकूची की पत्तियां, बीज और तना औषधीय गुणों से युक्त हैं.

जिला अस्पताल बाराबंकी के चिकित्सक डॉ. अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन) लोकल 18 से कहते हैं कि बाकूची औषधिय पौधा है. इसे बावची और बाकूची के नाम से जाना जाता है. इसके बीज, पत्ते, छाल और जड़ हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें ओलिक एसिड, लिग्नोसेरिक, स्टीयरिक और लिनोलेनिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमें कई बीमारियों से बचाते हैं.

बाकूची के पौधे की जड़ को पीस लें. इसमें थोड़ी सी साफ फिटकरी मिला लें. हर सुबह-शाम इसका मंजन के रूप में प्रयोग करने से दांतों में होने वाली संक्रमण की बीमारी ठीक हो जाती है और कीड़े खत्म होते हैं.

बाकूची के बीज के चार भाग और तबकिया हरताल के एक भाग का चूर्ण बना लें. इसे गोमूत्र में मिलाकर सफेद दाग पर लगाएं. इससे सफेद दाग दूर हो जाते हैं. बाकूची और पवाड़ को बराबर मात्रा में लेकर सिरके में पीसकर सफेद दाग पर लगाएं. इससे भी सफेद दाग से छुटकारा मिलता है.

आधा ग्राम बाकूची बीज के चूर्ण को अदरक के रस के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करें. इससे कफ ढीला होकर निकल जाता है और खांसी ठीक हो जाती है.

जिन लोगों को फाइलेरिया है वो भी बाकूची का इस्तेमाल कर सकते हैं. बाकुची के रस और पेस्ट का फाइलेरिया या हाथी पांव से प्रभावित अंग पर लेप करें. इससे फाइलेरिया में लाभ होता है.

2 ग्राम हरड़, 2 ग्राम सोंठ और 1 ग्राम बाकूची का बीज लेकर पीस लें. इसे आधा चम्मच गुड़ के साथ सुबह-शाम सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है.

जो लोग पीलिया से गंभीर रूप से बीमार हैं,10 मिली पुनर्नवा के रस में आधा ग्राम पीसा हुआ बाकूची के बीजों का चूर्ण मिला लें. सुबह-शाम खाली पेट सेवन करने से पीलिया में लाभ होता है.

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