नई दिल्ली : देश की बीमा प्रोवाइड कराने वाली दिग्गज कंपनी एलआईसी ने अपनी एक बड़ी पॉलिसी वापस ले ली है. यह पॉलिसी बीमाकर्ता को लाखों रुपये का मुनाफा देती थी. यह एक नॉन लिंक्ड, नॉन पार्टिसिपेट, पर्सनल सेविंग लाइफ इंश्योरेंस योजना है, जो सिक्योरिटी और सेविंग का लाभ देती थी. साथ ही यह बीमित व्यक्ति को मैच्योरिटी पर एकमुश्त गारंटी अमाउंट प्रोवाइड कराती थी.
हम बात कर रहे हैं भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के धन वृद्धि योजना के बारे में, जिसे पहली बार 23 जून 2023 में लॉन्च किया गया था और फिर सितंबर में बंद कर दिया गया था. इस साल फरवरी में इस योजना को फिर से शुरू किया गया था और 1 अप्रैल को बंद कर दिया गया है. LIC Dhan Vridhi Policy अवधि के भीतर पॉलिसी होल्डर्स की असामयिक मौत होने की स्थिति में उसके परिवार को फाइनेंशियल सिक्योरिटी प्रोवाइड कराती है.
इस योजना के तहत इतनी थी बीमा राशि
यह एक ऐसी योजना है, जो सुनिश्चित करती है कि परिवार को चुनौतीपूर्ण समय के दौरान आवश्यक वित्तीय सहायता मिले, जिससे भविष्य के लिए सुरक्षा और स्थिरता बरकरार रहे. एलआईसी की यह योजना 10, 15 या 18 साल की अवधि के लिए पेश की गई थी. चुनी गई अवधि के आधार पर इस योजना में निवेश की आयु 90 दिन से लेकर 8 साल तक रखी गई थी. वहीं अधिकत्तम प्रवेश की आयु 32 से 60 साल तक है. इस योजना के तहत मूल बीमा राशि 1.25 लाख रुपये थी, जिसे 5000 रुपये मल्टीपल्स से बढ़ाने का विकल्प दिया गया था.
पॉलिसी सरेंडर करने के नियम
LIC पॉलिसी दस्तावेज के अनुसार, पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक द्वारा किसी भी समय पॉलिसी सरेंडर की जा सकती है. पॉलिसी सरेंडर करने पर, निगम गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू में से जो भी अधिक हो, उसके बराबर सरेंडर वैल्यू का भुगतान करेगा. अगर पहले तीन साल में पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो सिंगल प्रीमियम का 75 फीसदी दिया जाएगा. इसके बाद सरेंडर करने पर 90 फीसदी प्रीमियम दिया जाएगा. इसमें एडिशनल और राइडर प्रीमियम शामिलन नहीं होंगे.