महासमुंद : छत्तीसगढ़ में खजूर को छिंद कहा जाता है. इसका स्वाद एकदम खजूर की तरह होता है. अभी छिंद के पेड़ों में पीले-पीले फल देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है. छिंद की टहनियों से झाड़ू, चटाई इत्यादि बनाया जाती है. इन पेड़ों में अभी फल लगा हुआ है. गांव के छोटे-छोटे बच्चे इन फलों को तोड़कर स्वाद का मजा ले रहे हैं. जबकि शहर में इसे बाजार से खरीदना पड़ रहा है. छिंद एक सदाबहार पेड़ है. इसमें पतझड़ का प्रभाव नहीं पड़ता है. बारिश के दिनों में छिंद की पत्तियों में पानी नहीं ठहरता है. आमतौर में इसे आप बाजार से भी खरीद सकते हैं जिसकी कीमत लगभग 60 से 100 रुपए तक किलो होती है.
इसमें पाए जाने वाले विटामिन
इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है. इसलिए कुपोषित बच्चों के आहार में इसे शामिल किया जाता है. छिंद में प्रोटीन व फाइबर की मात्रा भी काफी अधिक होती है. जिससे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. इसलिए कब्ज की शिकायत होने पर इसका सेवन करना चाहिए. इसमें विटामिन एवं कापर भी पाया जाता है. इसलिए सभी दृष्टि से इसका सेवन फायदेमंद है.
एक्सपर्ट के अनुसार रोजाना 3-4 खजूर खाना चाहिए. इससे ज्यादा खाने से पेट खराब हो सकता है. खजूर में नेचुरल शुगर होता है जो धीरे-धीरे शरीर में अवशोषित होकर लम्बे समय तक ऊर्जा देता है और शरीर में रेड ब्लड सेल्स का स्तर सामान्य हो जाता है.