विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्यों के बीच दो दिन तक चले गहन विचार-विमर्श के बाद कोविड संबंधी प्रतिक्रिया और मत्स्यपालन सब्सिडी (Fisheries Subsidy Policy) को लेकर घोषणाएं होने की उम्मीद हैं. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. समझौते में भारत के कुछ मुद्दों को शामिल किया गया है.
भारत को सौ फीसदी कामयाबी: पीयूष गोयल
डब्ल्यूटीओ के सदस्य नौ साल के अंतराल के बाद मत्स्यपालन सब्सिडी समझौते पर एकमत हुए हैं. 12 जून से शुरू हुई और चार दिन तक चली बातचीत का समापन शुक्रवार को हुआ. इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की दमदार उपस्थिति के चलते विकसित देशों की मौजूदगी में देश को सौ फीसदी कामयाबी मिली है.
सूत्रों ने बताया, ‘सभी समझौतों पर पूर्ण सहमति बनी है और इन पर आम-सहमति से हस्ताक्षर हुए हैं. अस्थायी पेटेंट छूट पर भी निर्णय जल्द हो सकता है, इस पर अमेरिका की मंजूरी का इंतजार है.’ इन सभी मुद्दों पर औपचारिक घोषणा जल्द ही की जा सकती है.
इन मुद्दों पर रहा फोकस
एक सूत्र ने बताया कि ऐसा पहली बार है जब आवश्यकता से अधिक मछली पकड़ना, गहरे समुद्र में मछली पकड़ना, अवैध, गैर-सूचित और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने के विषय पर प्रस्तावित समझौते लाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘भारत के जोर देने पर विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) पर संप्रभु अधिकारों को मजबूती से स्थापित किया गया जो वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है.’ सूत्र ने कहा कि डब्ल्यूटीओ की 12 वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में जो ‘ऐतिहासिक निर्णय’ लिए गए हैं उनसे जिन प्रमुख हितधारकों को लाभ मिलेगा उनमें मछुआरे, किसान, खाद्य सुरक्षा, बहुपक्षवाद और कारोबार शामिल हैं.
जेनेवा में जीत
गौरतलब है कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल विश्व व्यापार संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जेनेवा में हैं. इस दौरान कुछ सत्रों में उन्होंने मछली पालन सब्सिडी को लेकर अपनाई जा रही भेदभाव पूर्ण नीति की आलोचना की थी.