नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की स्कीमों में देश के करोड़ों लोगों ने निवेश किया हुआ है. एलआईसी इसलिए भी खासी फेमस है, क्योंकि इसमें हर उम्र के लोगों के लिए स्कीम्स हैं और सेफ्टी व सेविंग दोनों प्रदान करती हैं. ऐसी ही एक पॉलिसी है जीवन लाभ योजना (Jeevan Labh Yojana), ये नॉन-लिंक्ड पॉलिसी पॉलिसीधारक को मैच्योरिटी के बाद एकमुश्त राशि देती है. इसमें खास बात ये कि 25 का प्लान लेकर आप रोजाना महज 253 रुपये बचाकर मैच्योरिटी पर 54 लाख रुपये प्राप्त कर सकते हैं.
प्रीमियम का पूरा हिसाब-किताब
शेयर बाजार (Share Market) पर निर्भर नहीं होने के चलते एलआईसी की ये स्कीम (LIC Scheme) सुरक्षित भी मानी जाती है. इसमें पॉलिसीधरक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को लाभ दिया जाता है. अगर आप भी कोई पॉलिसी लेने का प्लान कर रहे हैं, तो फिर जीवन लाभ स्कीम में निवेश फायदे का सौदा साबित हो सकता है. मैच्योरिटी पर 54 लाख रुपये की राशि पाने के लिए आपको 25 साल के लिए ये पॉलिसी खरीदनी होगी.
इस हिसाब से देखें तो 253 रुपये रोजाना की बचत के बाद आप हर महीने करीब 7,700 रुपये और हर साल करीब 92,400 रुपये और सभी प्रीमियम भरने में कुल करीब 20 लाख रुपये के आस-पास रकम जमा करेंगे. वहीं आपको एकमुश्त 54 लाख रुपये मिलेंगे.
ये है पॉलिसी लेने की उम्र सीमा
LIC की जीवन लाभ पॉलिसी लेने के लिए उम्र सीमा 18 साल न्यूनतम और 59 साल अधिकतम तय की गई है. अगर कोई व्यक्ति इस पॉलिसी को 21 साल के पॉलिसी टर्म पर लेता है, तो उसकी उम्र पॉलिसी लेते समय 54 साल से कम होनी चाहिए. 25 साल के पॉलिसी टर्म के लिए व्यक्ति की उम्र सीमा 50 साल होनी चाहिए. पॉलिसी की मैच्योरिटी की अधिकतम उम्र सीमा 75 साल रखी गई है.
एलआईसी जीवन लाभ की खूबियां
पॉलिसी की अवधि के दौरान अगर किसी वजह से पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को इसका फायदा मिलता है. नॉमिनी को बोनस के साथ-साथ सम एश्योर्ड का बेनिफिट भी बीमा कंपनी देती है. डैथ बेनिफिट इस पॉलिसी का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट माना जाता है. इसमें पॉलिसीधारक की मृत्यु पर बीमा राशि वापस कर दी जाती है, बशर्ते पॉलसी ब्रेक नहीं हुई हो और सभी प्रीमियम का भुगतान किया गया हो.
इस जीवन लाभ पॉलिसी में पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाने पर वार्षिक प्रीमियम का सात गुना पर सम-एश्योर्ड मिलता है. यह मृत्यु लाभ मृत्यु की तारीख तक भुगतान किए गए सभी प्रीमियम के 105 फीसद से कम नहीं हो सकता. इसके साथ ही इसमें कोई टैक्स या पॉलिसी के लिए लगाई गई कोई अतिरिक्त राशि शामिल नहीं होगी.