लखनऊ l एक ओर कोरोना महामारी के बीच अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी यूपी सरकार ने ले रखी है, वहीं इस पहल की शुरुआत अब लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी कर दी है। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना महामारी के बीच मां या पिता अथवा दोनों को खोकर अनाथ होने वाले छात्र-छात्राओं को गोद लेकर उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का फैसला लिया है। इस पहल की शुरुआत विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय और रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कर दी है।
अनाथ हुए 70 छात्रों की आएं आवेदन, VC ने सभी से की आगे आने की अपील
शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में हुई कार्यपरिषद की बैठक के दौरान इस पहल पर लोगों ने सहमति दर्ज कराई। बैठक के बीच प्रो. राय ने बताया कि इस पहल के अंतर्गत संबंधित छात्र की साल भर की फीस व अन्य सभी शिक्षण शुल्क का वहन किया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के सभी अधिकारियों और शिक्षकों से इस पहल में सहयोग करने की अपील की है। जिसके बाद चीफ प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार व अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने भी एक-एक ऐसे छात्र की शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की। जानकारी की मुताबिक, एलयू प्रशासन ने हाल ही में गूगल फॉर्म के जरिए जानकारी प्राप्त की, जिसमें 70 ऐसे छात्रों ने आवेदन किया जिन्होंने अपने माँ-पिता या दोनों में से किसी एक को इस महामारी के बीच खोया है।
जान गंवाने वाले शिक्षकों के आश्रितों का खर्च उठाएगा विश्वविद्यालय प्रशासन
विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में हुई कार्यपरिषद की बैठक के दौरान महामारी के बीच अपनी जान गवाने वाले शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के आश्रितों की जिम्मेदारी उठाने का फैसला लिया गया है। जिसके तहत कोरोना संक्रमण के कारण जिनका निधन हुआ, उनके आश्रितों तो नियमानुसार जल्द ही विश्वविद्यालय में नियुक्ति दी जाएगी।।
खबर इनपुट एजेंसी से