Saturday, June 7, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home कला संस्कृति

बद्रीनाथ धाम की वो बातें, जिनके बारे में जानकर रह जाएंगे हैरान!

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
05/05/25
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
बद्रीनाथ धाम की वो बातें, जिनके बारे में जानकर रह जाएंगे हैरान!
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

रुद्रप्रयाग: आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम की यात्रा शुरू हो गई है। इस मौके पर बद्रीनाथ मंदिर पर फूलों की वर्षा की गई। इसके पहले गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट खोल गए थे। बद्रीनाथ धाम के बारे में कई ऐसी बातें हैं, जिसे जानकर हैरानी होती है।

भगवान विष्णु का निवास

बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। यहां बद्रीनाथ की मुख्य मूर्ति शालिग्राम पत्थर से बनी है और यह भगवान विष्णु के बद्री अवतार को समर्पित है। यह मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है, जिसका मतलब है कि इसे किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया।

कपाट खुलने और बंद होने का रहस्य

बद्रीनाथ धाम के कपाट साल में केवल छह महीने के लिए ही खुलते हैं। मंदिर केवल मई से नवंबर तक तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है। कपाट बंद होने के बाद, मंदिर में एक दीपक जलाया जाता है जो छह महीने तक लगातार जलता रहता है। यह एक रहस्य है कि यह दीपक इतने लंबे समय तक कैसे जलता रहता है।

नारद कुंड और तप्त कुंड

मंदिर के पास दो कुंड हैं- नारद कुंड और तप्त कुंड। नारद कुंड का पानी ठंडा होता है, जबकि तप्त कुंड का पानी गर्म होता है। ऐसा माना जाता है कि तप्त कुंड में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इस कुंड के पानी में औषधीय गुण भी माने जाते हैं।

आदि शंकराचार्य की भूमिका

बद्रीनाथ धाम के वर्तमान स्वरूप का श्रेय 8वीं शताब्दी के महान संत आदि शंकराचार्य को जाता है। उन्होंने यहां से भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति को नारद कुंड से निकालकर फिर से स्थापित किया था।

पौराणिक कथाएं

बद्रीनाथ धाम से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां तपस्या की थी और देवी लक्ष्मी ने बद्री वृक्ष यानी बेर का पेड़ बनकर उन्हें छाया प्रदान की थी, इसलिए इस स्थान का नाम बद्रीनाथ पड़ा। एक अन्य कथा के अनुसार, पांडवों ने स्वर्गारोहण के लिए यहीं से यात्रा शुरू की थी।

ऊंचाई पर स्थित मंदिर

बद्रीनाथ धाम बहुत ऊंचाई लगभग 3,133 मीटर (10,279 फीट) पर स्थित है। इस ऊंचाई की वजह से यहां का मौसम सर्दियों में बहुत ठंडा रहता है। यही कारण है कि मंदिर के कपाट सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.