पटना। बिहार में अब पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। जिसके लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और ज्यादा सशक्त और सक्षम बनाया जा रहा है। पेपर लीक के माफियाओं की संपत्ति जब्त की जाएगी। साथ ही कंप्यूटर बेस एग्जाम वाले ऑनलाइन सेंटर का डाटा बेस बनाया जाएगा। पेपर लीक में शामिल अभियुक्तों का फैमिली ट्री बनेगा। सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इस बात की जानकारी एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन , एडीजी इओयू सुनील कुमार और इओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लोंन ने दी।
एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि 2012 से अब तक 10 परीक्षाओं के मामले में ईओयू ने जांच की है। इसमें अब तक 545 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई और 249 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। ऐसे मामलों में बिहार सरकार ने मॉडल एक्ट लागू किया है। जिसके तहत राज्य में बिहार लोक परीक्षा अनुसूचित संधारण अधिनियम निवारण कानून लागू है। सीएचओ पेपर लीक मामले में इस कानून को लागू किया गया है।
इसके अलावा डाटा बैंक भी बनाया जा रहा है जिसमें सभी संगठित गिरोहों की पूरी जानकारी होगी। जो भी संगठित गिरोह परीक्षा के माध्यम से संपत्ति अर्जित करेंगे उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। साथ ही लोगों से भी परीक्षा में अनियमितता या किसी प्रकार की प्रश्न पत्र लीक की सूचना उपलब्ध कराने की अपील की। भ्रामक समाचारों पर नजर रखी जा रही है।
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि बीपीएससी परीक्षा में कोई पेपर पत्र लीक नहीं हुआ है। जिन केंद्रों पर हुड़दंग की घटना हुई हैं, उसमें जिला प्रशासन और पुलिस कारवाई करने को लेकर सक्षम है। छात्रों को आश्वासन दिया कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए ईआईयू कारवाई कर रही है। पेपर लीक मामले में बिहार के तीन कोचिंग संस्थान भी ईओयू के निशाने पर हैं।