नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव करीब है और बीत रहे इस पूरे साल (2023) में बीजेपी ने खास तौर पर अपने पैटर्न में बदलाव के प्रयास किए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तीन राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नामों से लिया जा सकता है। अब ऐसा माना जा रहा है कि 2024 में पार्टी नए अंदाज में नजर आएगी।
फिलहाल बीजेपी की नजरें तीसरी बार लोकसभा चुनाव में फतह हासिल करने पर है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की गतिविधियों नजर रख रहे एक नेता कहते हैं,“इस बार कई मौजूदा सांसदों का टिकट कट सकता है, कुछ केंद्रीय मंत्री भी खाली हाथ रह सकते हैं और ऐसा भी हो सकता है कि किसी सीएम को भी मैदान में उतार दिया जाए।”
हो सकते हैं बड़े बदलाव
बीजेपी के एक अंदरूनी सूत्र के मुताबिक अगर बीजेपी जीतती है तो नए मंत्रिपरिषद पर कड़ी नजर रखनी होगी क्योंकि कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी हो सकती है और नए लोगों को मंत्रालय दिए जा सकते हैं। ऐसा कैसे हो सकता है राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को देखकर भी समझा जा सकता है। कुछ नेताओं का मानना है कि संगठनात्मक बदलाव भी संभव है।
हालांकि भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है। जबकि कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि संगठनात्मक अनुभव वाले नेता जैसे कि धर्मेंद्र प्रधान या भूपेन्द्र यादव जल्द ही नड्डा की जगह होंगे।
लोकसभा के बाद तीन विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड, बीजेपी अभी से इन चुनावों की तैयारी में लग गई है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का चुनाव भी है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर तक कराने का निर्देश दिया है।
अगर BJP यही रणनीति अपनाती है तो हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के हाथ से कुर्सी जा सकती है। बात अगर महाराष्ट्र को लेकर पार्टी की रणनीति पर की जाए तो महाराष्ट्र में, यह देखना होगा कि क्या देवेंद्र फड़नवीस को सीएम चेहरे के रूप में पेश किया जाता है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि नेतृत्व के सामने हर तरह के समीकरण को साधने की ज़िम्मेदारी है।