मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
देहरादून : वर्तमान में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं.आज सुबह यानी बुधवार की सुबह भाजपा कार्यालय में हुई विधानमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगाई गई। उसके बाद वह राजभवन गए जहां राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सामने दावा पेश किया. शाम 4 बजे वह सीएम पद की शपथ लेंगे।
मीडिया में चल रहे सभी नामों को किनारे करते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम के ऐलान हुआ. मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद भाजपा दफ्तर में तीरथ सिंह रावत ने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरी तरह से निभाऊंगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम रहते जो काम किए उन्हें मैं आगे बढ़ाने का काम करूंगा। प्रदेश की भलाई के लिए काम करूंगा।’ प्रेस वार्ता के दौरान तीरथ सिंह थोड़े भावुक भी दिखे।
तीरथ सिंह रावत का जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। वर्तमान में वह पौड़ी लोकसभा सीट से ही सांसद हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले हर गाँव गाँव में चार पांच लोगों की टोली बनाकर बैठक की थी और क्षेत्र का मिजाज जाना था. उसके बाद इनको टिकट मिला लोकसभा का और सांसद बने. पूर्व मुख्यमंत्री खंडूरी के पुत्र को हराया उन्होंने लोकसभा चङाव में. इससे पहले साल 2012-2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट और पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आरएसएस के साथ बतौर सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ गए।
उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री भी रहे थे तीरथ सिंह रावत-
तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में जब उत्तराखंड की घोषणा हुई थी, उसके बाद पहले शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए। इसके बाद 2013 उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे।वह सौम्य और शांत स्वभाव के ब्यक्ति माने जाते हैं. लोगों से मिलना उनकी प्राथमिकता रहती है. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों को कितना टाइम दे पाते हैं यह आने वाला समय बताएगा. उनके नाम का सर्वसम्मति से सभी ने स्वागत किया है. वहीँ उनकी पत्नी डॉ रश्मि ने बताया वह कार ड्राइव कर रही थी उस समय और फोन पर सूचना मिली उनके सीएम बनने की, वह बेटी को स्कूल से घर ला रही थी. उनका कहना था वे बहुत मेहनती हैं और लोगों के बारे में सोचना, काम करना उनका प्रमुख उद्देश्य रहता है. उन्हें यकीन था एक दिन वह सीएम बनेंगे प्रदेश के.