2013 में आई आपदा में जिन लोगों ने अपना सबकुछ गंवा दिया था, वह अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहित और मंदिर के आस-पास के व्यवसायी दुकानों के साथ भूमि का मालिकाना हक चाहते हैं. वह चार सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 दिनों से यह आमरण अनशन कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार की ओर से अभी तक कोई बात करने के लिए सामने नहीं आया है. वहीं एक अनशन करने वाले तीर्थ पुरोहत का स्वास्थ्य बिगड़ गया है जिसके चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है.
जानकारी के मुताबिक सोमवार से दो तीर्थ पुरोहित आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. जिनमें से एक का स्वास्थ्य बिगड़ गया है. केदारनाथ मंदिर तीर्थ पुरोहित समाज की मुख्य संस्था केदार सभा की ओर से यह आंदोलन चलाया जा रहा है. खराब मौसम के बीच में यह आंदोलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी केदार क्षेत्र के तीर्थ पुरोहित और व्यवसायी 2013 की आपदा के बाद से ही उनक भवनों, दुकानों और भूमि के मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं. लेकिन, इस मांग को सुनने के लिए सरकार की ओर से कोई आगे नहीं आ रही है.
जिन चार सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन हो रहा है, उनमें सबसे पहले तो बाढ़ में बह गए भवनों, दुकानों की जमीन का मालिकाना हक, दूसरा नए भवन, तीसरा मंदिर चबूतरे के लिए जिनकी जमीनें ली गई हैं उनके लिए भूस्वामित्व के साथ भवन और जिन तीर्थ पुरोहितों के साथ अनुबंध किया गया है उनके भवन भी जल्द तैयार होने चाहिए. इनके अलावा चौथा केदार मंदिर में जो सोना लगाया गया है उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
तीर्थ पुरोहितों की इस मांग पर फिलहाल सरकार का रवैया उदासीन है, उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की ओर से फिलहाल कोई बात करने के लिए भी सामने नहीं आ रही है. वहीं केदारनाथ विकास प्राधिकरण मुख्य विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि वह लगातार तीर्थ पुरोहितों के संपर्क में बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि कागजातों में आवंटन किया जा चुका है, 2016-18 में जो अनुबंध हुए थे उनकी पूर्ति की जा रही है.