धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन यमराज देव को दीपदान किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन दीप जलाकर यमराज की पूजा भी की जाती है। कहा जाता है यमदीपक जलाने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। लेकिन अकाल मृत्यु से बचने के लिए दीप दान करते समय कुछ उपाय करना बेहद जरूरी होता है। तो आइए आज इस खबर में जानेंगे कि छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी के दिन कौन से उपाय करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं।
छोटी दिवाली पर दीपदान करने का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छोटी दीवाली पर यमदेव को दीपदान करने का शुभ मुहूर्त 11 नवंबर 2023 यानी आज शाम 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट का समय सबसे शुभ है। इस समय दीपदान करने का सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त है।
अकाल मृत्यु से बचने का उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन जिस घर में यमराज देव को दीपदान किया जाता है उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है। मान्यता है कि यम का दीपक घर के सभी सदस्यों के आने और खाने-पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है। यम दीपक जलाने के लिए पुराने दीपक का प्रयोग किया जाता है। यम दीपक घी या किसी अन्य तेल में नहीं जलाया जाता है बल्कि सरसों के तेल में बत्ती डालकर जलाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर के दक्षिण दिशा में या फिर नाली या कूड़े के ढेर के पास ही यम दीपक जलाया जाता है। दीपक जलाने के बाद जल अर्पित किया जाता है और मंत्र का जाप किया जाता है। वह मंत्र नीचे हैं।
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन घर के बड़े बुजुर्ग दीपक जलाकर पूरे घर में दीया को घुमाते हैं और उसके बाद ही घर से बाहर कहीं दूर जाकर रख आते हैं। मान्यता है कि यम दीपक जलाते समय घर के सभी सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में यम दीपक जलाने से सभी बुराइयां नष्ट हो जाती है। इसलिए आज रात यम दीपक जरूर जलाने चाहिए।