फिल्म जगत की एक और उभरती अभिनेत्री तुनिषा शर्मा ने अपने सह-कलाकार शीजान मोहम्मद खान से प्रेम में धोखा खाने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तुनिषा की आत्महत्या ने फिल्म जगत के साथ ही राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है।
कुछ नेताओं ने तुनिषा शर्मा की आत्महत्या को लव जिहाद का मामला बताकर इसे चर्चा में ला दिया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन और विधायक राम कदम ने तुनिषा की आत्महत्या को लव जिहाद से जोड़ते हुए पुलिस से इस एंगल पर भी जांच करने की मांग की है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने भाजपा नेताओं को बीमार मानसिकता का शिकार बताते हुए इसे मात्र प्रेम प्रसंग में धोखा खाने के बाद उठाया गया कदम बताया है।
तुनिषा अब इस दुनिया में नहीं हैं और उनके जाने के बाद उनके सह-कलाकार उनके प्रेम सम्बन्ध और निजी जीवन पर काफी कुछ बता रहे हैं। सबसे चौंकाने वाला खुलासा पुलिस अभिरक्षा में शीजान खान ने किया। उसने पुलिस को बताया कि दिल्ली में श्रद्धा वॉकर और आफताब पूनावाला के रिश्ते का अंत जिस तरह से हुआ, उससे वह बहुत डर गया, इसलिए उसने तुनिषा से अपने संबंधों पर विराम लगा दिया। सच तो अब पुलिस की विस्तृत जांच में ही सामने आएगा किन्तु शीजान खान के इस वक्तव्य ने समाज में घर कर गए एक ऐसे डर को उजागर कर दिया है जिससे इंकार नहीं किया जा सकता।
श्रद्धा हत्याकांड ने बदली प्रेम की परिभाषा
श्रद्धा वॉकर को जिस वीभत्स तरीके से उसके प्रेमी आफ़ताब पूनावाला ने मारा और उसके शरीर के अनेक टुकड़े किये, उससे यकीनन प्रेम प्रसंगों में शामिल युवक-युवतियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यह प्रभाव सामाजिक, राजनीतिक विवाद का रूप ले सकता है। हिन्दू लड़कियों को प्रेम प्रसंग में बहला-फुसलाकर मुस्लिम बनाना नया नहीं है। ऐसी अनगिनत कहानियां इसी समाज में भरी पड़ी हैं जिन्हें लव जिहाद का नाम मिला है।
संभव है कि शीजान भी समाज में वर्तमान हलचल को लेकर घबरा गया हो और उसने तुनिषा से सम्बन्ध-विच्छेद कर लिया हो? किन्तु तुनिषा के सह-कलाकार जे कार्तिक ने उसकी आत्महत्या पर कहा है कि यदि आप तुनिषा द्वारा घटना से ठीक पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो देखेंगे तो यह विश्वास करना मुश्किल होता है कि ऐसी पोस्ट करते समय वह क्या सोच रही होगी? ऐसा लगता है कि इसके पीछे कोई छिपी हुई कहानी है और मुझे उम्मीद है कि जांच से सब कुछ साफ हो जाएगा।
ऐसा ही कुछ तुनिषा के अन्य जानने वालों ने भी कहा है। अब पुलिस जांच से ही यह पता चलेगा कि शीजान खान सच बोल रहा है या वास्तव में इस घटना में लव जिहाद का एंगल था और उसके अन्य महिलाओं से संबंधों की जानकारी तुनिषा को हुई जिस कारण उसने तुनिषा को छोड़ दिया।
ग्लैमर की दुनिया में नई नहीं हैं इस प्रकार की घटनाएं
रुपहले पर्दे पर दुनिया भले ही चमक-धमक वाली दिखे किन्तु भीतर इसके घोर अंधेरा है। यहां जितना कठिन धन पाना है, उससे कहीं अधिक कठिन प्रेम पाना है। एक समय की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री दिव्या भारती की 1993 में कथित आत्महत्या इसका ज्वलंत उदाहरण है। कहा जाता है कि वे प्रेम संबंधों में खटास से परेशान थीं। वहीं 1996 में दक्षिण भारत की सेक्स सिंबल कही जाने वाली सिल्क स्मिता ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। हालांकि अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि लगातार करियर में फेल होने के कारण वे तंग आ चुकी हैं इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
इसी प्रकार 2004 में मिस इंडिया रह चुकी नफीसा जोसेफ ने बिजनेसमैन गौतम खंडूजा से शादी की थी लेकिन पहले से शादीशुदा है खंडूजा के धोखे ने उसे तोड़कर रख दिया और उसने आत्महत्या कर ली। 24 साल की प्रत्युषा बनर्जी हों या 2013 में 25 साल की जिया खान, सभी ने करियर के उच्च पायदान पर आकर प्रेम में असफल होने पर अपनी जान दे दी। 2012 में प्रख्यात गायिका आशा भोंसले की बेटी वर्षा भोंसले ने अपनी शादीशुदा जिंदगी से परेशान होकर स्वयं को गोली मार ली थी।
ये चंद उदाहरण यह साबित करते हैं कि बाहर से चमकीली ग्लैमर की दुनिया में कोई किसी का सगा नहीं है। स्वयं के निर्णय लेने की जिद ने इन्हें परिवार से भी दूर किया और अंततः ये सभी दुनिया से भी दूर हो गईं।
क्या प्रेम न मिलने पर आत्महत्या करना सही है
किसी शायर ने कहा है, ‘जो लोग छोड़ जाते हैं वो बहुत सस्ते होते हैं और ऐसे सस्ते लोगों पर महंगे आंसू नहीं बहाए जाते।’ प्रेम तो समर्पण का नाम है। प्रेम में व्यक्ति मन, कर्म, वचन और आत्मा तक से एकाकार हो जाता है। जिस प्रेम के लिए जीने की कसमें खाई जाती हैं, उसी के लिए कोई कैसे स्वयं को मार सकता है? मनोवैज्ञानिकों की मानें तो व्यक्ति जब प्रेम में होता है तो उसके लिए कुछ सही-गलत नहीं होता। वह अंधप्रेम की स्थिति में होता है किन्तु जब उसे वास्तविकता का भान होता है तो वह भीतर से इतना टूट जाता है कि अपनी इहलीला भी समाप्त कर लेता है।
ऐसे अधिकांश मामलों में व्यक्ति को सामाजिक बदनामी का भी भय होता है कि प्रेम में असफल होने से लोग क्या कहेंगे? खासकर महिलाओं में यह स्थिति अतिरेक में होती है। सामाजिक बंधनों में बंधना व्यक्ति को रुचिकर लगता है किन्तु इनसे विमुख होने पर वह अपने ऊपर अत्याचार करता है। यह मानसिक दृढ़ता की बात है कि आप कैसे जीवन में आगे बढ़ते हैं। तुनिषा यहीं चूक गई। उसने अपने प्रेम को इतना बड़ा बना लिया कि न मिलने पर वह जीना ही भूल गई। वर्तमान में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जिनमें यही हारी हुई मानसिकता दिखाई दी है।