ग्वालियर. मध्य प्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच अब बीएसपी प्रत्याशी ने भी ताल ठोक दी है. कांग्रेस छोड़कर आए किसान नेता कल्याण सिंह कंसाना बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. ग्वालियर सीट पर गुर्जर समाज का बड़ा वोट बैंक है. यही वजह है कि कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद गुर्जर नेता कल्याण सिंह कंसाना ने बगावत करते हुए बीएसपी से मैदान में उतर गए हैं. कंसाना का कहना है कि कांग्रेस ने उनके जैसे निष्ठावान कार्यकर्ता के साथ अन्याय किया. यही वजह कि अब वह कांग्रेस को हराने के लिए ही चुनाव मैदान में उतरे हैं.
ग्वालियर सीट पर पिछले 3 लोकसभा चुनाव में BSP को मिले वोट का आंकड़ा देखें तो BSP ग्वालियर में कांग्रेस की हार की बड़ी वजह बनी है. आइए देखते हैं पिछले 3 चुनाव के आंकड़े
ग्वालियर लोकसभा सीट-
साल 2019 में
बीएसपी को 44677 वोट मिले, कांग्रेस डेढ़ लाख वोट से हरी
साल 2014 में
बीएसपी 68,196 वोट मिले, कांग्रेस महज़ 26 हज़ार वोट से हरी
साल 2009 में
बीएसपी को 76,481 मत मिले, कांग्रेस 28 हज़ार वोट से हारी
भाजपा ने पूर्व विधायक भारत सिंह कुशवाहा को तो कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है. दोनों के बीच बीएसपी से कल्याण सिंह कंसाना के मैदान में आने से चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष हो गया है. उधर कांग्रेस के पूर्व मंत्री बालेंद्र शुक्ला का कहना है कि बीएसपी से कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वोटर कांग्रेस के साथ है. पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए हथकंडे अपना रही है. बीजेपी का कहना है कि ग्वालियर सहित अंचल की 3 सीट पर कांग्रेस नेता ही पार्टी छोड़कर बीएसपी के टिकिट पर चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा का दावा है कि मोदी लहर में किसी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बीजेपी जीत दर्ज करेगी.
ग्वालियर सीट पर वैसे तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन अब बीएसपी के चुनाव मैदान में कूद पड़ने से यह मुकाबला त्रिकोणी संघर्ष में बदल गया है. वही यह भी साफ है कि कांग्रेस से टूटकर बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं कल्याण सिंह कंसाना कहीं ना कहीं कांग्रेस को ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे. हालांकि 4 जून को साफ होगा कि बीएसपी के चुनाव लड़ने से किसे फायदा और किस नुकसान हुआ है.