लखनऊ: यूपीपीसीएस का रिजल्ट मार्च 10 माह के भीतर ही जारी हो गया है। सरकार की ओर से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से रिजल्ट प्रकाशन का दावा किया जा रहा है। इस रिजल्ट में लड़कियों ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया है, वह अद्भुत है। यूपीपीसीएस परीक्षा 2022 में 364 कैंडिडेट को सफल घोषित किया गया है। इसमें 110 लड़कियों ने बाजी मारी है। पीसीएस टॉपर आगरा की दिव्य सिकरवार रही हैं। लखनऊ की प्रतीक्षा पांडे ने दूसरा स्थान हासिल किया है। टॉप 10 पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि इसमें 8 लड़कियां शामिल हैं। साफ है कि अगर आप लड़कियों पर भरोसा करेंगे तो रिजल्ट कुछ ऐसा ही आएगा। इससे भी बेहतर। यूपीपीसीएस 2022 के रिजल्ट में 30.2 फीसदी लड़कियों की सफलता भले ही आपको चौंकाए, लेकिन अगर उन्हें मौके मिलते रहे तो फिर चुनौती लड़कों की बढ़ने वाली है। टॉप 10 में महज दो स्थान हासिल कर पाने वाले लड़कों के लिए अब चुनौती बड़ी होने वाली है।
पहली बार इस प्रकार का रिजल्ट
उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं के लिए हुई परीक्षा के रिजल्ट में पहली बार इस प्रकार का परिणाम आया है। टॉप 10 में 80 फीसदी लड़कियों का कब्जा होना बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है। इस सूची में महज दो लड़के अपना स्थान बना पाए हैं। लड़कों में टॉपर रहे कुमार गौरव राज्य स्तर पर पांचवा स्थान हासिल कर पाने में कामयाब हुए। वहीं दूसरे लड़के को टॉपर्स लिस्ट में 10वें स्थान पर जगह मिली। लड़कियों के शानदार प्रदर्शन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें बधाई दी है। टॉप टेन की सूची में राजधानी लखनऊ और आगरा के दो-दो कैंडिडेट्स ने जगह बनाई है। वहीं, अन्य जिलों के अभ्यर्थी इस सूची में शामिल हैं।
सीएम योगी ने कहा कि यूपीपीएससी परीक्षा में प्रदेश की बेटियों की रिकॉर्ड सफलता और लगभग हर जिले का प्रतिनिधित्व होने को नए उत्तर प्रदेश की नई तस्वीर करार दिया है। पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हुई परीक्षा और रिकॉर्ड 10 माह में रिजल्ट को लेकर उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और अभ्यर्थियों को बधाई दी।
ये बेटियों की सफलता का उत्सव
यूपी में यूपीपीएससी का परिणाम बेटियों की सफलता का उत्सव है। बेटियों ने अपनी हिस्सेदारी से नई तस्वीर बयां की है। घर की दहलीज से निकलते ही बेटियां आसमान को कदमों में लाने का दम भर रही हैं। केवल बोलकर नहीं, बेटियों ने करके दिखाया है। यह परिणाम उस सोच पर हमला है, जो बेटियों को घर से निकलने पर आंख तरेरता है। कई लड़कियां 10 सालों से इस परीक्षा की तैयारी में जुटी थीं। सफलता उनकी जीवटता को दिखाता है। लक्ष्य को लेकर उनकी जिद और जुनून को दिखता है। जिलावार सफलता के आंकड़ों को देखें तो लखनऊ के सबसे अधिक 40 कैंडिडेट्स सफल रहे हैं। वहीं, प्रयागराज के 29 और कानपुर के 15 अभ्यर्थियों ने पीसीएस क्रैक कर अपने जिले और क्षेत्र का नाम रोशन किया है।