अंतरराष्ट्रीय गैंग से मिला कनेक्शन, गरीबों के खाता खोलकर करते थे ठगी
देहरादून। चेन्नई के एक इंजीनियर से 1.39 करोड़ की धोखाधड़ी करने के मामले में जसपुर कोतवाली पुलिस और चेन्नई पुलिस ने जसपुर से अंतरराष्ट्रीय ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपी जसपुर में एक सीएससी सेंटर चला कर लोगों का बैंक अकाउंट खोल कर उनके खाते को ठगी में इस्तेमाल करते थे। दोनों आरोपियों को चेन्नई पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर चेन्नई ले गई है।
रुद्रपुर पुलिस और चेन्नई पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने चेन्नई के एक इंजीनियर से 1 करोड़ 39 लाख की धोखाधड़ी की गई थी। आरोपियों को चेन्नई पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
जनवरी 2025 में चेन्नई निवासी इंजीनियर पीके पार्थसारथी को तमिल मैट्रिमोनियल साइट पर एक महिला ने दोस्ती कर अपने प्रेम जाल में फंसाया। उसने इंजीनियर को ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश का झांसा दिया और विभिन्न खातों में 1 करोड़ 39 लाख रुपये साइबर फ्रॉड के माध्यम से ट्रांसफर करवा लिए। इस धोखाधड़ी की शिकायत पीके पार्थसारथी ने साइबर पुलिस स्टेशन चेन्नई में दर्ज कराई थी।
पुलिस विवेचना के दौरान यह सामने आया कि इंजीनियर के खाते से 12 लाख 43 हजार रुपये जसपुर निवासी सानिया परवीन के बैंक खाते में स्थानांतरित हुए थे। यह पैसा बाद में सानिया परवीन के खाते से वसीम के बैंक खाते में भेजा गया। वसीम, दाऊद, और तरुण भारद्वाज ने इस पैसे को नकद निकालकर 2-3 प्रतिशत कमीशन लेकर साइबर गैंग के अन्य सदस्यों-गोगा उर्फ गांधी, प्रियांशु अरोड़ा, नितिन अटवाल और मोनिश सैफी को दिया।
जांच में यह भी पता चला कि वसीम, दाऊद और तरुण भारद्वाज ने मिलकर पिछले कुछ महीनों में लगभग 50-60 लाख रुपये साइबर फ्रॉड के जरिए अलग-अलग ग्राहकों के खातों में प्राप्त किए थे। जिसके बाद चेन्नई पुलिस और जसपुर कोतवाली पुलिस ने गैंग के दो सदस्य मो. वसीम, निवासी चांद मस्जिद के पास, मोहल्ला नई बस्ती, थाना जसपुर, मो. दाऊद, निवासी नहर पार, मोहल्ला नई बस्ती, थाना जसपुर को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह जसपुर में चांद मस्जिद वाली गली में एक सीएचसी सेंटर चलाते थे। जहां वो गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर उनके खाते खुलवाते थे और उनकी पासबुक, चेक बुक, एटीएम आदि अपने पास रख लेते थे। इन खातों का इस्तेमाल आरोपी साइबर फ्रॉड के लेन-देन में करते थे।
वसीम, दाऊद और तरुण भारद्वाज के तार अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग से जुड़े हुए हैं। प्रियांशु अरोड़ा और नितिन अटवाल दुबई में रहकर इस साइबर गैंग को चलाते हैं, जो मोनिश सैफी और गोगा उर्फ गांधी के माध्यम से उन लोगों से संपर्क करते हैं जिनके पास खातों का नियंत्रण होता है। कल दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर चेन्नई पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर चेन्नई ले गई है। गौरतलब है कि रुद्रपुर एसओजी द्वारा फरवरी 2025 को आरोपी दाऊद और तरुण भारद्वाज को 9 लाख 80 हजार रुपये नकद और तमंचों के साथ काशीपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।