ऋषिकेश: ऋषिकेश में हैरान करने वाला मामला आया है. रविवार को टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने दिल्ली से ऋषिकेश के बीच चल रही डग्गामार बसों के विरोध में अभियान चलाया। इससे पहले भी ये लोग अभियान चलाते आये हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर शिफर.
जैसा इनका कहना है गढ़वाल टैक्सी यूनियन द्वारा दो बसों को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया है आज। ऋषिकेश में टैक्सी यूनियन के नरेंद्र सिंह वर्मा और हेमंत डंग द्वारा पकड़ी गई बसों के बारे में बताया गया कि ये बसें पिछले काफी समय से दिल्ली से ऋषिकेश के बीच अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं. जिसमें एक बस पर आगे की साइड में ऑटो टेंपो का नंबर लगा हुआ है. और बस की पिछली साइड में बस की नंबर प्लेट लगाई गई थी। डंग ने बताया कि बस को पकड़ने के बाद जब उत्तराखंड परिवहन विभाग यानी ARTO के अधिकारियों को बसों के संदर्भ में सूचित किया गया तो वहां से बताया गया की आज रविवार है आज छुट्टी है. आप इसकी सूचना पुलिस को दे दें। इसके बाद यूनियन के सदस्य एकत्रित हुए और उक्त दोनों बसों की सूचना लिखित रूप से पुलिस को दी। दोनों बसों को संयुक्त रोटेशन बस स्टैंड पर स्थित पुलिस चौकी को सौंप दिया गया है और कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग को सूचित कर दिया गया है।
सबसे बड़ा सवाल अब यह उठता है इतनी बड़ी बस बॉर्डर पार कर उत्तराखण्ड पहुँच जाती है रास्त में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, ARTO स्टाफ क्या कर रहा था ? किसी ने भी पूछताछ करने की जहमत नहीं उठाई. दूसरी बात उत्तराखण्ड इतनी वॉल्वो टाइप बस आ रही है ऐसे में इनकी चेकिंग करने वाला सम्बंधित विभाग कहाँ सोया हुआ था ? ऐसे किसकी हिम्मत हो गयी सीधे राज्य में घुस आयी और यात्रियों को ले जा रही हैं एक राज्य से दूसरे राज्य में. आजकल सीसीटीवी, तकीनीकी, मोबाइल सब कुछ तो है. ऐसे बस कोई दुर्घटना कर दे तो पकड़ना मुश्किल हो जायेगा. अपराध कर के कोई भी भाग जायेगा. अब ये पकड़ी गयी बसें क्या ये सीज होंगी ? या सिर्फ चालान कर के छोड़ दिया जायेगा ये देखने वाली बात होगी.
डंग का कहना है, इस प्रकार के डग्गामार बसों के संचालन से स्थानीय टैक्सी चालकों के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. उन्होंने मांग की है कि इस प्रकार की बसों के विरुद्ध परिवहन विभाग को अभियान चलाया जाना चाहिए।