नई दिल्ली : शाहजहांपुर जिले के दो लाख उपभोक्ता विद्युत निगम का 700 करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं। छह माह से उन्होंने बिल जमा नहीं किया है। ऐसे लोगों की सबसे ज्यादा संख्या जलालाबाद में है। अधिकारियों ने इन पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। नोटिस भेजने के साथ ही बकायेदारों के कनेक्शन काटे जाएंगे।
जिले में 4.58 लाख बिजली के कनेक्शधारक हैं, जिनमें 80 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता बिल जमा नहीं करते। 15 प्रतिशत वाणिज्यिक उपभोक्ता भी बिल अदायगी में रुचि नहीं दिखाते। पांच प्रतिशत में अन्य कनेक्शनधारक भी हैं। अधिकारियों के मुताबिक जलालाबाद के बाद पुवायां व सदर ग्रामीण में सर्वाधिक बकायेदार हैं, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद कभी भी उनसे शत-प्रतिशत राजस्व वसूली नहीं हो पाती। जबकि, बड़े बकायेदारों को नोटिस भी जारी किए जाते हैं।
सूची तैयार… जल्द होगी कार्रवाई
अब बकायेदारों की खंड वार सूची तैयार की गई है। इसके बाद अधिकारी-कर्मचारी बकायेदारों के घरों की कुंडी खटखटाकर बिल जमा कराने का प्रयास कराने के साथ कनेक्शन भी काटेंगे। छह महीने से बिल जमा नहीं करने वाले व पांच हजार रुपये के बकायेदारों से भी बिल जमा करने के लिए कहा जाएगा। एसई जेपी वर्मा ने अधिशासी अभियंताओं को राजस्व वसूली के लिए निर्देशित कर दिया है। पहले उद्योगों, वाणिज्यिक के कनेक्शन काट जाएंगे।
इस साल 58 करोड़ रुपये का मिला लक्ष्य
बिजली निगम ने पिछले वर्ष 52 करोड़ का राजस्व वसूल किया था। एकमुश्त समाधान योजना आने से उपभोक्ताओं ने बड़े पैमाने पर अपनी देनदारी को निपटाया था। पिछली प्रगति को देखकर 58 करोड़ का लक्ष्य मिला है। वैसे आमतौर पर 35 करोड़ की राजस्व वसूली हो पाती है।
नलकूपों पर 56 करोड़ का बकाया
जिले के 17 हजार ट्यूबवेल के उपभोक्ताओं ने बिल अदा नहीं किया। उनके ऊपर 56 करोड़ रुपये का बकाया है। शासन की योजना के अनुसार बिल अदायगी करने पर किसानों को छूट भी दी गई। फिर भी किसान बकाया जमा करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसको लेकर भी अभियान चलाने की बात कही जा रही है।
आंकड़े
- जिले में हैं 4.8 लाख कनेक्शन
- पिछले साल हुई थी 52 करोड़ रुपये की वसूली
एसई जेपी वर्मा ने बताया कि बकाया वसूली को लेकर प्रयास शुरू किए गए हैं। पिछले वर्ष ओटीएस का लाभ मिल गया था। इस बार योजना नहीं है तो शिविर लगाकर बिल जमा कराएंगे। साथ ही उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए निर्देशित किया गया है।