हिंदू धर्म में दशहरा बड़ा त्योहार माना जाता है. ये दिन पूजा, पाठ और खरीदारी के लिए बहुत शुभ होता है, क्योंकि दशहरा यानि विजयादशमी पर सर्वकार्य सिद्ध करने वाला अबूझ मुहूर्त रहता है. दशहरा के दिन बिना मुहूर्त देख वाहन, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी करने से लंबे समय तक लाभ मिलता है.
इस साल दशहरा 24 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा. इस साल दशहरा पर बेहद शुभ योग का संयोग बन रहा है जिसमें खरीदारी करने से दुर्भाग्य दूर होगा और समृद्धि में वृद्धि होगी. आइए जानते हैं दशहरा पर बनने वाले शुभ योग के बारे में.
दशहरा 2023 शुभ योग
दशहरा वाले दिन 24 अक्टूबर 2023 को रवि योग, त्रिग्रही योग का संयोग बन रहा है. ऐसे में इस दिन पूजा और खरीदारी का विशेष लाभ मिलेगा.
रवि योग – सुबह 06.27 – दोपहर 03.28 (24 अक्टूबर 2023)
त्रिग्रही योग – दशहरा वाले दिन मंगल, सूर्य और बुध तुला राशि में विराजमान रहेंगे. इन तीन ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा. ये एक दुर्लभ संयोग है. इसके प्रभाव से साधक को हर कार्य में सफलता और आर्थिक लाभ मिलता है.
दशहरा 2023 मुहूर्त
- अश्विन शुक्ल दशमी तिथि शुरू – 23 अक्टूबर 2023, शाम 5:44
- अश्विन शुक्ल दशमी तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर 2023, दोपहर 03.14
- शस्त्र पूजन समय – दोपहर 1.58 – दोपहर 02.43
- रावण दहन मुहूर्त – शाम 05.43 के बाद ढाई घंटे तक का समय अच्छा है.
अबूझ मुहूर्त है विजयादशमी (Vijayadashmi Abujh Muhurat)
दशहरा का पूरा दिन शुभ होता है, इस दिन व्यापार शुभारंभ, यात्रा, शस्त्र-पूजा, कार्यालय शुभारंभ, संपत्ति क्रय-विक्रय आदि के लिए दिन में कोई मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं है, हालांकि दशहरा के समय देवशयन चल रहा होता है. इसलिए इस मुहूर्त में विवाह और वास्तु पूजा नहीं की जाती है.
विजयादशमी पर ऐसे करें पूजा (Vijayadashmi Puja Vidhi)
विजयदशमी की पूजा करने के लिए घर के ईशान कोण में आठ कमल की पंखुड़ियां से अष्टदल चक्र बनाया जाता है, इसके बाद अष्टदल के बीच में अपराजिता नमः मंत्र का जाप करना चाहिए. मां दुर्गा के साथ ही भगवान श्री राम की पूजा करनी चाहिए, इतना ही नहीं विजयदशमी के दिन बहीखाते और शस्त्रों की पूजा भी की जाती है. इसके साथ शमी के पेड़ का पूजन करें. इससे आर्थिक लाभ मिलता है.
राम रावण का युद्ध कितने दिन चला
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान राम और लंकापति रावध के मध्य भंयकर युद्ध हुआ था. ये युद्ध आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से आरंभ हुआ था, और दशमी की तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध किया था. भगवान राम और रावण के मध्य 8 दिनों तक चला था.