चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने अब अयोध्या में निर्मित राम मंदिर पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाना डीएमके को स्वीकार नहीं है। इससे पहले वह सनातन धर्म की तुलना भी कोरोनावायरस और डेंगू जैसी बीमारियों से कर चुके हैं। खास बात है कि डीएमके विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘डीएमके किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन मस्जिद को गिराकर मंदिर का निर्माण करना स्वीकार नहीं करता है।’ इस दौरान उन्होंने राज्य के विपक्षी दल AIADMK के कार्यक्रम में नहीं जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उदयनिधि ने कहा, ‘ये उनका निजी मामला है।’ उन्होंने कहा, ‘वे पहले भी कारसेवकों को अयोध्या भेज चुके हैं।’
डिप्टी सीएम बनने वाले हैं उदयनिधि?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अटकलें लगाई जाने लगी थी कि उदयनिधि को तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, इसे लेकर पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा था। खुद उदयनिधि इसे अफवाह करार दे चुके हैं। वह राज्य के पूर्व सीएम करुणानिधि के पोते हैं।
सनातन का विरोध
बीते साल एक कार्यक्रम के दौरान उदयनिधि ने सनातन धर्म के खिलाफ भी जमकर बयानबाजी की थी। उन्होंने कहा था, ‘कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता। उन्हें खत्म ही किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छरों, मलेरिया या कोरोनावायरस का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे उखाड़ फेंकना होगा। इसी तरह हमें सनातन को भी उखाड़ना होगा।’ उनके इस बयान को लेकर काफी विरोध भी हुआ था।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह
22 जनवरी, सोमवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होने जा रहा है। बुधवार को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति भी स्थापित कर दी गई है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत INDIA के कई बड़े दलों को वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं।