नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट यानी शिवसेना (UBT) और कांग्रेस (Congress) के बीच मतभेद उभरने के संकेत मिल रहे हैं. शिवसेना (यूबीटी) ने कहा है कि वह महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के साथ सीटों के बंटवारे पर चर्चा नहीं करेगी. विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) के सूत्रों ने कहा था कि राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 260 पर उम्मीदवारी को लेकर सहमति बन गई है. लेकिन इसके दूसरे ही दिन शिवसेना (यूबीटी) का असंतोष उभरकर सामने आ गया है. यदि विपक्ष में यह खींचतान जारी रही तो उसे इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ेगा.
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के महा विकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का शरद पवार का गुट शामिल है.
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि सहयोगी दल केवल 200 सीटों पर सहमत हुए हैं. उन्होंने नाना पटोले का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं.
”कांग्रेस नेता फैसला लेने में सक्षम नहीं”
मुंबई में प्रेस से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि एमवीए में शामिल दलों में महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों में से 200 पर आम सहमति बनी है. उन्होंने बताया कि उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और महाराष्ट्र के लिए पार्टी के प्रभारी रमेश चेन्निथला से शुक्रवार की सुबह बात की. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी बात करेंगे.
संजय राउत ने कहा, “(सीटों के बंटवारे का) फैसला जल्द लिया जाना चाहिए. बहुत कम समय बचा है. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें बार-बार सूची दिल्ली भेजनी पड़ती है और फिर चर्चा होती है. जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा.”
नाना पटोले ने गुरुवार की शाम को संवाददाताओं से कहा था कि उन 20-25 विधानसभा सीटों की लिस्ट, जिन पर एमवीए के तीनों घटक दल दावेदारी जता रहे हैं, गतिरोध को हल करने के लिए प्रत्येक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजी जाएगी. उन्होंने बताया था कि सीट बंटवारे के संबंध में एमवीए नेताओं की गुरुवार को अंतिम बैठक हुई. उन्होंने कहा था कि 18-19 अक्टूबर तक सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सीट-बंटवारे समझौते की घोषणा करने की कोशिश की जा रही है.
शिवसेना विदर्भ में अधिक सीटों पर लड़ने की इच्छुक
सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि शिवसेना और कांग्रेस के बीच मतभेद इसलिए पैदा हुए हैं क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) विदर्भ क्षेत्र में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और नाना पटोले इस पर सहमत नहीं हैं.
लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में अपने प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में भी, खास तौर पर विदर्भ में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में पिछले चुनावों में भी कांग्रेस का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. विदर्भ क्षेत्र नाना पटोले का गढ़ भी है. विदर्भ में कांग्रेस 48 में से 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
हालांकि फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस की मर्जी के खिलाफ फैसला लेती है तो इसका महा विकास अघाड़ी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, लेकिन सूत्रों ने कहा है कि कांग्रेस-शिवसेना (यूबीटी) में मतभेद सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के साथ लड़ाई में विपक्ष के गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
महायुति हरियाणा के नतीजों से उत्साहित
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के कारण विपक्षी गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिख रही थी. इस गठबंधन ने राज्य में 30 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि अब बीजेपी-शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)-एनसीपी (अजित पवार गुट) का गठबंधन हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित है. हरियाणा में बीजेपी लगातार दो कार्यकालों के बाद सत्ता विरोधी लहर के बावजूद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रही है.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी और 23 नवंबर को वोटों की गिनती के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.