नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में यदि आज की तारीख में सबसे ज्यादा दांव पर किसी की प्रतिष्ठा लगी है तो वो उद्धव ठाकरे हैं. नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे किसी भी सूरत में एकनाथ शिंदे और बीजेपी से बदला लेना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन भी अच्छा रहा लेकिन दिक्कत यही है कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन चुनाव में उनको सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट करने को तैयार नहीं है. उद्धव ठाकरे, दिल्ली का दौरा तक कर आए, कांग्रेस आलाकमान से भी मिल आए लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा.
दरअसल गठबंधन के नेताओं ने नवंबर में होने वाले चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने से परहेज किया है. सितंबर की शुरुआत में एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है. पवार ने कहा था कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार का फैसला इस आधार पर किया जाएगा कि गठबंधन में कौन सी पार्टी सबसे ज्यादा सीट जीतती है?
‘अगला सीएम होगा कांग्रेसी’?
इन सबके बीच कांग्रेस ने नया दांव चल दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव की अपनी सफलता दोहराएगी और राज्य का अगला मुख्यमंत्री कांग्रेस से ही होगा. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने विश्वास व्यक्त किया कि एमवीए 288-सदस्यीय विधानसभा में 180 से अधिक सीट जीतेगी और सरकार बनाएगी. इस गठबंधन में कांग्रेस के अलावा, एनसीपी (शरद पवार) एवं शिवसेना (यूबीटी) शामिल है.
चव्हाण ने घोषणा की, ‘‘कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हाल के लोकसभा चुनावों में अधिकतम सीट जीती हैं और वह विधानसभा चुनावों में अपना प्रदर्शन दोहराएगी. महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी से होगा.’’ एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट में से 30 पर जीत हासिल की. इनमें से कांग्रेस ने अकेले 13 सीट जीतीं और वह दोहरे अंक का आंकड़ा पार करने वाली एकमात्र पार्टी थी. कांग्रेस को 2019 के चुनाव में सिर्फ एक सीट मिली थी.
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा रहा. लोकसभा चुनावों में एमवीए द्वारा जीती गई 65 प्रतिशत सीट के आधार पर विपक्षी गठबंधन विधानसभा चुनावों में 183 या उससे अधिक सीट जीतेगा.’’ इसी तरह दो सप्ताह पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा था कि उन्हें ‘‘100 प्रतिशत विश्वास’’ है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा. थोराट के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने जोर देकर कहा था कि कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन में ‘बड़े भाई’ की भूमिका निभाने से बचना चाहिए.