देहरादून l ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण-गैरसैंण में बजट पेश हो चुका है। बजट को देखने पर ये बात समझ आ रही है कि प्रदेश बाजार उधारी और अन्य कर्ज के जाल में उलझता ही जा रहा है। बजट में जारी ऋणपत्र के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में सरकार को करीब 10,700 करोड़ रुपये के कर्ज की जरूरत होगी और वह करीब 1400 करोड़ रुपये की बाजार उधारी का भुगतान करेगी।
आने वाली 31 मार्च 2022 को कुल कर्ज करीब 68 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। आपको बता दें कि यह प्रदेश की करीब ढाई लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था का तिहाई से ज्यादा होगा।
बता दें कि सरकार को यह कर्ज कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और इसी तरह के अन्य कामों के लिए लेना पड़ रहा है। ऐसे में उत्तराखंड अब उन राज्यों में शामिल है जिन्हें कर्ज के ब्याज के भुगतान के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। इस पर कैग भी सवाल उठा चुका है। मुसीबत यह भी है कि कर्ज लेने की दर भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। खुद प्रदेश सरकार का अनुमान है कि आने वाले समय में उसे लगातार बाजार से भी उधार उठाना ही होगा।