उन्होंने मान लिया है मुल्क में सब ठीक है
होते रहना चाहिए धरनें प्रदर्शन लाठीचार्ज
जम्हूरियत के लिए यह सब भी ठीक है
गाजी मियां के सालाना उर्स की तरह
ईमानो ग़ारत की दो चार नज़्म लिखी जानी चाहिए
लिखने वालों को वामपंथी कहां जाना चाहिए
अभी तो बनाया है
मीडिया को मठ
स्कूलों को गढ़
किसानों को जो कह रहे हैं प्रायोजित
सड़कों पर आना जिन्हें लग रहा है आयोजित
उनकी आंखों का पानी भी सूख जाना चाहिए
राम जिनके आदर्श हैं
रिआया जिस राम की अज़ीज़ है
रियासत के हक़ में उसी रियाया को बेदखल किया जाना चाहिए
बेहयाई ये हुक्मरानों की भी ठीक है
-गति उपाध्याय
मिर्जापुर