नई दिल्ली: पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने पाकिस्तानी पक्ष की ओर से दिया गया बयान देखा है. जिस देश ने औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसका यह सोचना कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, खुद को मूर्ख बनाना है. पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे समझ लेगा, उतना ही बेहतर होगा.”
भारत की कर्रवाई के बाद बदल गए पाकिस्तान के सुर- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा, जहां तक भारत का सवाल है, हमारा रुख शुरू से ही स्पष्ट और सुसंगत था. हम पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाएंगे. यदि पाकिस्तानी सेना इससे बाहर रहती तो कोई समस्या नहीं होती. 9 मई की रात तक पाकिस्तान भारत को बड़े हमले की धमकी दे रहा था. 10 मई की सुबह जब उनका प्रयास विफल हो गया और उन्हें भारत की ओर से विनाशकारी जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ा तो उनके सुर बदल गए और उनके डीजीएमओ ने आखिरकार हमसे संपर्क किया.”
पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान पर भारत का जवाब
विदेश मंत्रालय ने कहा, “पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप पाकिस्तान ने बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और अन्य स्थानों पर अपने आतंकवादी केंद्रों को नष्ट होते देखा है. इसके बाद, हमने उसकी सैन्य क्षमताओं को काफी हद तक कम कर दिया और प्रमुख एयरबेसों को प्रभावी रूप से निष्क्रिय कर दिया. यदि पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसे उपलब्धियों के रूप में पेश करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है.”
पाकिस्तान ने दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया
विदेश मंत्रालय ने कहा, “संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट सद्भावना और मैत्री की भावना से इंडस वाटर ट्रीटी को बंद किया गया था. हालांकि, पाकिस्तान ने दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है. अब 23 अप्रैल के CCS निर्णय के अनुसार, भारत संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता.”
हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्री ने कहा, “हमारा लंबे अरसे से यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है. इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जैसा कि आप जानते हैं, लंबित मामला केवल पाकिस्तान की ओर से अवैध रूप से कब्ज़ा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है.”