लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस और बीएसएनएल के बीच एक बड़ा अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यूपी पुलिस ने कंपनी को कोर्ट जाने के लिए मजबूर कर दिया, जिसकी वजह भी अजीब और हैरान करने वाली है। प्रदेश के मिर्जापुर जिले के 10 थानों पर कंपनी का बिल कई सालों से बकाया है। बिल की रकम भी इतनी ज्यादा नहीं है कि उसे जमा न किया जा सके। जिले के दस थानों पर BSNL का मात्र 248 रुपयों का बिल बकाया है। पुलिसवालों ने जब सालों तक बिल जमा नहीं किया तो कंपनी राष्ट्रीय लोक अदालत पहुंच गई।
मिर्जापुर पुलिस बीएसएनएल कंपनी के मात्र 248 रुपये का बिल जमा नहीं कर पा रही है। यह बकाया एक नहीं बल्कि जिले के 10 थानों पर है। BSNL का मिर्जापुर के पुलिस थानों पर 2 से लेकर 4 रुपये तक बकाया है।
लालगंज थाने पर 2 रुपये, विंध्याचल, मड़िहान और चील्ह थानों पर 4 रुपये, जिगना पर 5 रुपये, कछवां पर 7 रुपये, चुनार पर 14 रुपये, देहात कोतवाली पर 34 रुपये, शहर कोतवाली पर 54 रुपये और कटरा कोतवाली पर 120 रुपये का बकाया है। बकाया वसूली का मामला निपटाने के लिए बीएसएनएल ने राष्ट्रीय लोक अदालत की शरण ली है।
सात थानों पर 40 रुपये का बिल बकाया
चौंकाने वाली बात यह है कि सात थानों पर कुल 40 रुपये का बिल बकाया है जबकि तीन थानों पर 208 रुपये का बकाया है। पुलिस विभाग के 10 थानों ने बीएसएनएल को 248 रुपये का बकाया कई सालों से नहीं चुकाया है। इस पर बीएसएनएल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित किया है और संबंधित अधिकारियों को बकाया बिल का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजे हैं।
कई सालों से बिल नहीं चुका रही यूपी पुलिस
कंपनी में कई बार बिल जमा कराने के लिए पुलिस को नोटिस दिया, लेकिन इन मामूली रकम को जमा नहीं कराया गया। मिर्जापुर उप महाप्रबंधक बीएसएनल पीसी रावत ने पत्र जारी कर बताया है कि पुलिस विभाग ने 10 थानों पर बीएसएनएल के कुल 248 रुपये बकाया है। कई सालों से बिल नहीं जमा करने पर नोटिस जारी कर सूचना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भेज दी गई है।