नई दिल्ली. ऐसा कई बार होता है जब हमारे पास तत्काल खर्च के लिए पैसे नहीं होते और पहचान के दुकानदार से उधार सामान के लिए जी हुजूरी करनी पड़ती है. लेकिन, आम आदमी की यह समस्या जल्द ही खत्म होने वाली है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जल्द ही यूपीआई इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए बड़ी सुविधा लांच करने वाला है. नई सुविधा शुरू होने के बाद आपका यूपीआई अकाउंट क्रेडिट कार्ड की तरह काम करेगा, जहां ग्राहक खाते में पैसा न होने पर ही आराम से यूपीआई भुगतान कर सकेगा.
NPCI का कहना है कि अब यूजर्स का यूपीआई अकाउंट ही क्रेडिट कार्ड की काम करेगा और हर ग्राहक को उसके सिबिल स्कोर के हिसाब से क्रेडिट लाइन मिलेगी. इस क्रेडिट का इस्तेमाल सिर्फ मर्चेंट के पास किया जा सकेगा. इसके एवज में बैंक निश्चित ब्याज भी वसूलेंगे. NPCI ने फिलहाल कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों से बात की जो इसके लिए राजी भी हो गए हैं. NPCI को इस सुविधा के लिए अब तक आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी, इंडियन बैंक और एक्सिस बैंक का साथ मिल चुका है.
दुकानदारों की समस्या भी खत्म
ऐसा नहीं है कि इस सुविधा का फायदा सिर्फ कस्टमर को मिलेगा, दुकानदारों को भी इससे लाभ मिलेगा. अभी क्रेडिट कार्ड से 2 हजार से ऊपर का पेमेंट करने पर दुकानदारों को करीब 2 फीसदी का चार्ज देना पड़ता है. यूपीआई में क्रेडिट लाइन मिलने के बाद इस तरह की फीस नहीं चुकानी होगी. यह अलग बात है कि कार्ड में आपको कोई ब्याज नहीं लगता, जबकि यूपीआई की क्रेडिट लाइन में आपको ब्याज भी देना पड़ेगा.
जितना खर्चा उतने का ही ब्याज
यूपीआई में मिलने वाली क्रेडिट लाइन पर आपको तब तक कोई ब्याज नहीं देना होगा, जब तक कि आपने फंड का इस्तेमाल नहीं किया. आप जितने फंड का इस्तेमाल करेंगे, सिर्फ उतनी राशि पर ही ब्याज चुकाना होगा. यह एक तरह से ओवरड्राफ्ट सुविधा की तरह काम करेगा. मान लीजिए आपको 20 हजार का क्रेडिट लाइन मिला और इस्तेमाल सिर्फ 10 हजार किया तो आपको सिर्फ 10 हजार रुपये पर ही ब्याज देना पड़ेगा.
सबका तोड़ बनेगा यूपीआई
आपको जानकर हैरानी होगी कि 8 साल पहले लांच हुई यूपीआई सुविधा ने डिजिटल पेमेंट में डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को लगभग खत्म ही कर दिया है. अब यूपीआई में क्रेडिट लाइन मिलने से क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर ही अंकुश लगेगा. अमेजन की रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले 53 फीसदी कस्टमर यूपीआई से भुगतान करते हैं. ऑफलाइन खरीदारी में भी 25 फीसदी ग्राहक यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं यूपीआई अब भारत की सीमा से निकलकर 7 देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है.