नई दिल्ली: भारत का यूपीआई पेमेंट देश में लगातार नए रेकॉर्ड बना रहा है। साथ ही इसका दायरा बढ़ाकर ग्लोबल हो रहा है। यूपीआई पेमेंट सिस्टम को करीब एक दर्जन से ज्यादा देशों में रोलआउट कर दिया गया है। ऐसे में विदेश जाने वाले यात्रियों को काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत का दबदबा जारी है। बीते सितंबर माह में भारत ने UPI पेमेंट के मामले में नया रेकॉर्ड सेट किया है। इस माह भारत में करीब 20.64 लाख करोड़ रुपये का यूपीआई पेमेंट किया गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से जारी आंकड़ों की मानें, तो सितंबर में यूपीआई पेमेंट का आंकड़ा बढ़कर 1,504 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें पिछले साल के मुकाबले में 42 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई है।
सालाना आधार पर 31 फीसद मार्केट ग्रोथ
NPCI डेटा की मानें, तो भारत में हर दिन औसत यूपीआई लेनदेन 501 मिलियन हो गये, जो कि अगस्त 2024 में 483 मिलियन था। वही सितंबर में हर दिन औसतन 68,800 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है, जो अगस्त 2024 में 66,475 करोड़ रुपये था। मतलब यूपीआई पेमेंट में बीते एक माह में 20.64 लाख रुपये का इजाफा दर्ज किया गया है। इसमें सालाना आधार पर 31 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई है।
PhonePe ने मारी बाजी
अगर यूपीआई पेमेंट प्लेटफॉर्म की बात करें, तो अगस्त में वॉलमार्ट ओन्ड PhonePe की मार्केट हिस्सेदारी 48 फीसद से ज्यादा थी। मतलब आधे से ज्यादा यूपीआई मार्केट पर PhonePe का कब्जा था। फोन के बाद गूगल पे दूसरे पायदान पर काबिज है, जबकि पेटीएम तीसरे पायदान पर मौजूद है। हालांकि NPCI और केंद्र सरकार यूपीआई सेक्टर में किसी एक प्लेयर का दबदबा नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि NPCI और सरकार की ओर से यूपीआई सेगमेंट में 30 फीसद मार्केट कैप का प्रस्ताव पेश किया गया है। हालांकि यूपीआई मार्केट पर पूरी तरह से फोनपे और गूगल पे का दबदबा मौजूद है।
यूपीआई पेमेंट का बढ़ रहा दायरा
यूपीआई पेमेंट का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। भारत के साथ ही बाकी दुनिया में यूपीआई पेमेंट की डिमांड है। मालद्वीव में जल्द भारतीय यूपीआई पेमेंट सिस्टम शुरू हो सकता है। इसे लेकर भारत और मालद्वीप के बीच करार हो रहा है। साथ ही मालद्वीव में रुपे कार्ड की इजाजत मिल सकती है। ऐसे में भारत से मालद्वीव जाने वाले पर्यटकों को काफी आसानी हो सकती है। साथ ही अफ्रीका महाद्वीप में यूपीआई को ताकत मिल सकती है।