देश में इस वक्त एक बड़ी तादाद में लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में यूपीआई में तेजी देखी गई है. पहले लोगों के पास सिर्फ कैश और कार्ड का ऑप्शन हुआ करता था लेकिन फिर UPI को भी एक बेहतर ऑप्शन के रूप में देखा जाने लगा. बता दें कि इस UPI की धूम अब इतनी ज्यादा है कि जुलाई महीने में ही 6 अरब UPI ट्रांजैक्शन हुए हैं.
PM मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मुद्दे पर ट्वीट किया. उन्होंने UPI के जरिए जुलाई महीने में रिकॉर्ड 6 अरब लेन-देन को उल्लेखनीय उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि यह नई तकनीकों को अपनाने तथा अर्थव्यवस्था को ‘स्वच्छ’ बनाने के लोगों के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है.
2016 के बाद सबसे ज्यादा हुए ट्रांजैक्शन
बता दें कि यह लेनदेन 2016 के बाद सबसे ज्यादा हैं. निर्मला सीतारमण ने इस बारे में ट्वीट किया जिसको रिट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है. यह नई तकनीकों को अपनाने और अर्थव्यवस्था को साफ बनाने के लिए भारत के लोगों के सामूहिक संकल्प को इंगित करता है. COVID-19 महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान विशेष रूप से मददगार बने.
कुछ ऐसे हैं आंकड़े
गौरतलब है कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का एक आंकड़ा बताता है कि जुलाई में कुल 6.28 अरब ट्रांजैक्शन हुए हैं जिनमें 10.62 ट्रिलियन रुपये के लेनदेन हुए. एनपीसीआई ही यूपीआई का ऑपरेशन संभालता है. एक महीने का रिकॉर्ड देखें तो यूपीआई में 7.16% का उछाल है और वैल्यू के लिहाज ये बढ़त 4.76 फीसद है. एक साल पहले का रिकॉर्ड देखें तो यूपीआई ट्रांजैक्शन में दोगुना तक बढ़ोतरी हुई है और वैल्यू में एक साल में 75 परसेंट का उछाल है