लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने यूपी में बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण के लिए 42968 करोड़ 55 लाख रुपये की वृहद कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा है। केंद्र की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) से यह धनराशि मांगी गई है। प्रस्तावित योजना में शहरों में विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने, नए उपकेंद्र व ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने के साथ ही अन्य कार्य किए जाएंगे।
इस योजना का काम पूरा होने के बाद यूपी में सुरक्षित और बाधारहित बिजली की आपूर्ति में मदद मिलेगी। विद्युत वितरण से संबंधित सभी उपकरणों की क्षमता बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कार्ययोजना के परीक्षण के बाद बजट का आवंटन तथा काम पूरा करने की समयावधि तय की जाएगी।
आधुनिकीकरण योजना से व्यापक स्तर पर होंगे सुधारात्मक कार्य
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता का कहना है कि भारत सरकार से आधुनिकीकरण की यह योजना स्वीकृत होने पर बड़े पैमाने पर विद्युत वितरण से संबंधित व्यवस्थाओं के सुधार का काम तेजी से किया जा सकेगा। प्रदेश में भविष्य की जरूरतों के मुताबिक नए उपकेंद्रों का निर्माण, ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नए ट्रांसफार्मरों की स्थापना तथा शहरी क्षेत्रों की घनी आबादी वाले हिस्सों में विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने का काम युद्धस्तर पर करने की तैयारी है।
एक अप्रैल से शुरू हो जाएगा 5000 करोड़ से काम
वहीं उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने बताया है कि केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना से विद्युत हानियां कम करने के लिए 13500 करोड़ रुपये से कार्य यूपी में कराए जा रहे हैं। बिजनेस प्लान तथा नगर निकायों की विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए भी करीब 5000 करोड़ रुपये से कार्य चल रहा है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले नये वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी करीब 5000 करोड़ रुपये के कार्य प्रस्तावित किए गए हैं।